लघुकथा"इसीलिए मैं खुश हूं"
एक गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। वह अपने आप को दुनियां का सबसे दुखी व्यक्ति समझता था। वह हमेशा क्रोध से भरा हुआ और चिड़चिड़ा रहता। उसे...
लघुकथा"इसीलिए मैं खुश हूं"
कविता "हिंदी दिवस मनाये"
लघुकथा "सुख के लिए भटकना क्यों"
आज़ादी की 77 वी वर्षगांठ
कविता " कल्पित परिकथा "
कविता "मेरी आशिकी नई नई है"
कविता "रो कर क्या करोगे"
* संत कबीर *
ऋणं कृत्वा घृतं पीवेत (चार्वाक दर्शन)
" ये किसकी कहानी है। "
कविता " विश्वास करते हैं "
संस्मरण " जब डॉक्टर ने मुझपर पिस्टल तान दी "
" घोड़ा उड़ भी सकता है "
" भविष्य पर भरोसा "
"ईद, दुआऐं बटोरने और बाटने का दिन"
" तृष्णा और आवश्कता में भेद "
असली खजाना
कविता " बाबा साहब को नमन "
" राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले "
" पुनरूत्थान का पर्व ईस्टर "