संस्मरण " जब डॉक्टर ने मुझपर पिस्टल तान दी "
एक बार मेरे साथ एक विचित्र घटना घटी थी जिसे याद कर आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। एक डॉक्टर ने मुझ पर पिस्टल तान दी थी। चंद मीटर का...
संस्मरण " जब डॉक्टर ने मुझपर पिस्टल तान दी "
संस्मरण-"होली का हुड़दंग"
संस्मरण - भई गती साँप छुछुन्दर की
" एक लगोंट सात भाई .."
संस्मरण " पोस्टकार्ड "
संस्मरण " आलू-चोर "
संस्मरण " धन्य होती है माँ "
संस्मरण.... मेरी पहली रैगिंग
आधी आबादी से भेद-भाव आखिर कब तक ?
# जब हमने जम्मू में तिरंगा फहराया #
# जब हम लोग पिटाई से बचे #
जब मैं नदी में डूबने से बचा।
बॉस की बारात
गाँव... प्यारा गाँव....
चरकू साहब
संस्मरण
संस्मरण -- किस्मत या संयोग