कविता "कभी नही झुकने देंगें"
आजादी का जश्न आज मिल जुल कर मनाएँगे सबसे प्यारा देश हमारा हर घर झंडा फहरायेंगे राष्ट्र निर्माण के कार्य जो आज भी अधूरे हैं मिल जुल...
कविता "कभी नही झुकने देंगें"
कविता " रक्षा-बंधन "
शहीदों के मजारों पर....
" अगर औरतें नही होती.."
लघुकथा - " हाय रे किस्मत "
कविता "दोस्तो की ख़ैर-खबर लेते रहिये"
" आईना देखते रहिए "
कविता " कोई नही पास होता है "
कहानी " मौसा "
कविता " तब और अब "
कविता "हम कहाँ जा रहे?"
" मौन का सौंदर्य "
संस्मरण " पोस्टकार्ड "
" मशाल बन जलता रहूँ "
"लौटने को आतुर"
" हर परिस्थिति में खुश रहें "
" सुबह होने वाला है "
" हम क्या हैं ?"
बिना परिश्रम के मिला धन
" निःस्वार्थ सेवा "