Kishori Raman
" अगर औरतें नही होती.."

विश्व के महान यूनानी दार्शनिक अरस्तू यथार्थवादी, ब्यवहारिक तथा वास्तविकता से युक्त एक वैज्ञानिक सोंच वाले ब्यक्ति थे। वे प्लेटो के शिष्य एवं सिकन्दर के गुरु थे। वे जीव विज्ञान के जनक थे। उनकी गिनती अपने समय के साथ साथ संसार मे पैदा होने वाले समस्त महान लोगों और खासकर दर्शनिकों के बीच होती है। उनका जन्म 384 ई.पू. स्टैगीरस के ग्रीक कॉलोनी में हुआ था तथा उनकी मृत्यु बासठ साल की उम्र में 322 ई. पू. में हुआ। उनके शिक्षप्रद उपदेश एवं विचार आज भी प्रासंगिक हैं जो हमे मानवीय गुणों एवं मूल्यों को सही नजरिये से देखने एवं उसे सही ढंग से परिभाषित करने में मदद करते है। आज प्रस्तुत है उनके कुछ चुनिन्दा विचार.... 1) अगर औरतें नही होती तो इस दुनिया की सारी दौलत बेमानी होती। 2) किसी मनुष्य का स्वभाव ही उसे विश्वसनीय बनाता है न कि उसकी सम्पति। 3) दोस्तो के बिना कोई भी जीना नही चाहेगा चाहे उसके पास बाकी सब कुछ हो। 4) मित्र का सम्मान करो। पीठ पीछे उसकी प्रशंसा करो और आवश्कता पड़ने पर उसकी सहायता करो। 5) कोई भी उस ब्यक्ति से प्रेम नही करता जिससे वो डरता है। 6) चरित्र को हम अपनी बात मनवाने का सबसे प्रभावी माध्यम कह सकते है। 7) सभी भुगतान युक्त नौकरियां दिमाग को अवशोषित और अयोग्य बनाती है। 8) आलोचना से बचने का एक ही तरीका है- कुछ मत करो, कुछ मत कहो, कुछ मत बनो। 9) मनुष्य अपने सबसे अच्छे रूप में सभी जीवों में सबसे उदार होता है लेकिन यदि कानून और न्याय न हो तो वो सबसे खराब बन जाता है। 10) शिक्षा की जड़ें कड़वी होती है लेकिन फल मीठे होते हैं। 11) हम वो हैं जो हम बार बार करते हैं। उत्कृष्टता कोई तरीका नही बल्कि आदत है। 12) लोकतंत्र तब है जब किसी अमीर की जगह कोई गरीब देश का शासक हो। 13) शिक्षित मन की ये पहचान है कि वो किसी भी विचार को स्वीकार किये बिना वह उसके साथ सहज रहे। 14) बिना पागलपन के स्पर्श के किसी भी महान दिमाग का अस्तित्व नही होता है। 15) सीखना कोई बच्चो का खेल नही। हम बिना दर्द के नही सीख सकते। 16) दोस्त बनना एक जल्दी का काम है लेकिन दोस्ती एक धीमी गति से पकने वाला फल है। 17) जो एक अच्छा अनुयायी नही बन सकता वो एक अच्छा लीडर भी नही बन सकता। 18) अच्छा लिखने के लिए खुद को एक आम इंसान की तरह ब्यक्त करो लेकिन सोंचो एक बुद्धिमान आदमी की तरह। 19) युद्ध जीतना पर्याप्त नही है। शांति कायम करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। 20) बिना दिल को शिक्षित किये दिमाग को शिक्षित करना वास्तव में शिक्षा नही है। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com