जिन्दगी के हर गम को पी जाना अच्छा है
मरने की हसरत लिए जी जाना अच्छा है
भले इस दौड़ से हासिल होना कुछ है नही
कभी कभी यूं ही यहां दौड़ जाना अच्छा है
हम जो चाहें वही हो ऐसा कहाँ होता है
पास रह कर भी हम मिल लें कहाँ होता है
इंतज़ार में ही गुजर जाती है ये जिंदगी
जिस्म तो मिल जातेहैं दिल कहाँ मिलता है
आंखें बंद करने से मुसीबतें कम नही होती
तुम कब तक रहोगे उदास, वह रहेगी रोती
आसुओं के कद्रदा तो बचे हैं अब मुट्ठी भर
अगर बह जाए तो इनकी कीमत नहीं होती
जो पहचान चस्पा है उससे अब बाहर आओ
तुममेंअगर दम है तो एक नई दुनियाँ बसाओ
दूसरों के भरोसे उलझ जाते हैं जीवन के तार
अच्छा है तुम अपनी उलझने खुद सुलझाओ
किशोरी रमण
आप सब खुश रहें, स्वस्थ रहें और मस्त रहें
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बहुत सुंदर।