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# आईना दिखलायेगा #

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Dec 5, 2021
  • 1 min read

उनके झूठे वादों पर मुझे कभी ऐतवार न था मैं जानता था कि उन्हें मुझसे कभी प्यार न था पर नजाने क्यों आज भी उन्हें भुला नही पाता हूँ जबभी बनाता हूँ तस्वीर उनका हीअक्स पाता हूँ उनके लिए तो हमारा मिलना बस एक खेल था हमारा उनका ये साथ चंद पलो का मेल था वो चाहती है कि मै भी उनकी तरह चुप ही रहूँ प्यार का यही अंजाम होता है मैं भी यही मान लूँ पर मैं तो एक शायर हूँ भला चुप कैसे रहूँगा जो उनसे न कह सका वहसारी दुनिया से कहूँगा मुझे विश्वास है कभी उनके होठों पे रुदन आएगा जब उनकेअंदर का सच उन्हेंआईना दिखलायेगा किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




3 Comments


Unknown member
Dec 20, 2021

Very nice...

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sah47730
sah47730
Dec 06, 2021

वाह! वाकई अन्दर का सच जब कभी आईना दिखलाता है आत्मा की रूदन सच्चाई की पोल खोल देती है।

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verma.vkv
verma.vkv
Dec 06, 2021

बहुत सुंदर रचना।

बधाई।

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