परिवर्तन जीवन की सच्चाई है अतः इनसे घबराना नही है बल्कि इसे स्वीकार करना है। अपने आप को परिस्थितियों के अनुसार ढाल कर और आपस मे एकता बनाकर आगे बढ़ते रहना है। हमे ये याद रखना है कि अगर रात हुई है तो सुबह जरूर होगी और सुबह हुई है तो रात भी आएगी। इन्ही विचारों पर आधारित है आज की ये कविता जिसका शीर्षक है ..... आओ रचे नया इतिहास
अनिश्चितताओ के दौर तो आते है पर हमे इनसे घबराना नही है परिवर्तन तो जीवन की सच्चाई है हमे इन से भय खाना नही है नियति का चक्र तो यूँ ही चलता है समय के साथ सब कुछ बदलता है सूखे पंखुड़ी झरते हैं जब फूलो से टहनियों से नया शतदल निकलता है जीतने के लिए कुछ तो करना होगा कुछ पाने के लिए कुछ खोना होगा आने वाला कल का सूरज हमारा होगा पर पहले अपने आप को बदलना होगा आओ हम थामे एक दूसरे का हाथ आओ हम चले समय के साथ जीतेगा वही जिसमे जितने का दम हो आओ रचे हम एक नया इतिहास किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com
Wonderful story.....
प्रेरक व समयानुकूल कविता।
बिल्कुल सत्य है। हम सब मिलकर एक नया इतिहास रच सकते हैं ।
समय के साथ चलने बाला ही सफल होता है।