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" ईस्टर पर्व "

Writer: Kishori RamanKishori Raman

ईसाई धर्म के अनुयायी गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी रविवार को ईस्टर संडे के रूप में मनाते हैं। क्रिसमस के अलावा गुड फ्राइडे और ईस्टर, ईसाई धर्म का सबसे बड़ा और प्रमुख पर्व है। वैसे तो यह पर्व ईस्टर के छियालीस दिन पूर्व जो भी बुधवार आता है उस दिन से ही प्रारम्भ हो जाता है और ईस्टर के दिन समाप्त होता है। इसमें अंतिम सप्ताह को पवित्र सप्ताह मानते हैं। प्रभु ईसा मसीह प्रेम और शांति के मसीहा थे। दुनिया को प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले यीशु मसीह को उस समय के धार्मिक कट्टरपंथियों ने रोम के शासक से शिकायत करके उन्हें सूली पर लटका कर मौत की सजा दिलवाई थी। चुकि उन्हें गुड फ्राइडे के दिन ही सूली पर लटकाया गया था अतः मसीही लोग इस दिन को उनकी अच्छाइयों और मानवता के लिए बलिदान होने के दिन के रूप में याद करते हैं। कहा जाता है कि प्रभु यीशु इस घटना के 3 दिन बाद यानी ईस्टर संडे के दिन पुनः जीवित हो उठे थे। गुड फ्राइडे एक ऐसा दिन है जब ईसा मसीह ने धरती पर बढ़ रहे पाप के लिए बलिदान देकर निःस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया। इस दिन ईसा मसीह ने उत्पीड़न और यातनाएं सहते हुए मानवता के लिए अपने प्राण त्याग दिए। निर्दोष होने के बावजूद जब उन्हें सलीब पर लटका कर मारने का दंड दिया गया तो उन्होंने सजा देने वालों को उलाहना नहीं दी, वरन प्रार्थना करते हुए यह कहा कि हे ईश्वर इन्हें क्षमा कर क्योंकि यह नहीं जानते कि यह क्या कर रहे हैं। ईसा मसीह को इसलिए मृत्युदंड दिया गया क्योंकि वह अन्याय, घोर विलासिता और अज्ञानता का अंधकार दूर करने के लिए लोगों को शिक्षा दे रहे थे। तब यहूदियों की कट्टरपंथी धर्मगुरुओं ने ईशा का भारी विरोध किया। उनकी नजर में ईशा का खुद को ईश्वर पुत्र बताना पाप था। उन्होंने रोमन गवर्नर पिलातुस को इसकी शिकायत की। कट्टरपंथी यहूदियों को प्रसन्न करने के लिए पिलातुस ने ईशा को क्रूस पर लटका कर मृत्युदंड की सजा सुनाई। गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के अनुयाई गिरजा घर जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। उस दिन चर्च में घंटा नहीं बजाया जाता बल्कि उसके एवज में लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है। लोग ईसा मसीह के प्रतीक क्रॉस को चुमकर भगवान को याद करते हैं। अपनी मृत्यु के बाद पुनः जीवन धारण कर उन्होंने यह संदेश दिया कि हे मानव, मैं सदा तुम्हारे साथ हूँ और तुम्हारी भलाई करना मेरा उद्देश्य है। अनेक लोग इस बलिदान के लिए ईसा मसीह की कृतज्ञता जताते हुए 40 दिन पहले से फास्ट भी रखते हैं जिसे लेंट कहते है। कुछ लोग केवल शुक्रवार को ही व्रत रखकर प्रार्थना करते हैं। इस दिन चर्च और घरों में सजावट की वस्तु हटा दी जाती है। गुड फ्राइडे के दिन ईसा के अंतिम 7 वाक्यों की व्याख्या की जाती है जो क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग पर केंद्रित होता है। आईये हम सब भी उनके द्वारा बताए गये प्रेम,करूणा, क्षमा, गरीबों की मदद और मानवता जैसे शिक्षा का पालन करें। आपसबों को Happy Easter किशोरी रमण। BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




3 commenti


Membro sconosciuto
09 lug 2022

Bahut hi sundar....

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sah47730
sah47730
05 mag 2022

जानकारी युक्त पोस्ट

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verma.vkv
verma.vkv
17 apr 2022

Happy Easter.

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