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Writer's pictureKishori Raman

कविता- "कहीं तो कोई होगा"


"कहीं तो कोई होगा"

कहीं तो कोई होगा जो मेरे लिये रोया होगा तकिये को उसने आँसुओ से भिंगोया होगा तन्हाई और उदास रातों को मुझे याद कर एक पल भी वह चैन से नही सोया होगा मुझे पा लेने की आशा में सबकुछ खोया होगा उसकी राहों में जमाने ने कांटा ही बोया होगा टूट गये होंगे उसके वे सारे हसीन सपने बड़ी मुश्किलों से जिन्हें उसने सँजोया होगा नफ़रत के जख्म तो उसे मिले होंगे बे-हिसाब औरोंके जख्म को अपना समझके धोया होगा दरिया में डूबने का उसे डर भला क्या होगा ? जिसने अपना सब कुछ खुद ही डुबोया होगा वो आये तो सही, मुझे देखे अजनवी बन कर क्या पता उसकी नज़रों से ही मेरा भला होगा

अब तो उनसे उम्मीदें हैं उनके रहमो-करम की देखें अब ज़िन्दगी का क्या फ़ैसला होगा ? किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




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2 comentários


Membro desconhecido
08 de fev. de 2022

very nice script.....

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verma.vkv
verma.vkv
28 de jan. de 2022

बहुत सुंदर रचना ।

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