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कविता " जी भर कर हँसा करो "

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Oct 5, 2022
  • 1 min read

हँसो यारो, तुम खुल कर हँसा करो ये धन ख़र्चने से कम नही होता जो यहाँ जी भर के हँसा करते हैँ उनके जीवन मे कोई गम नही होता कभी तुम वेवजह भी हँस लिया करो इन्तेज़ार करोगे तो बारी नही आएगी हँसी ही है हमारे हर मर्ज की दवा खूब हँसोगे तो बीमारी नही सताएगी दोस्तों की महफ़िल में रोज जाया करो खुद हँसो, औरों को भी हँसाया करो हँसी दुनिया की सबसे बड़ी नेमत है हँस कर ही अपने रिश्ते निभाया करो ज़िन्दगी के गम को हँस के उड़ाते हैं ऐसे लोग अब बिरले ही नजर आते हैं अब तो लोग हँसते हैं नाप तौल कर मानो हँसने की कोई रस्म निभाते हैं दोस्तों की हँसी का बुरा मत मानना मन की दूरी को तुम हँस कर पाटना नसीब वालों को मिलते है सच्चे दोस्त तुम भी अपनी हँसी दोस्तों में बाँटना अपने ठहाको से जो महफ़िल सजाते है खुद पर हँस कर औरों को हँसातें है दूर करते हैं अपने दोस्तों के रंजो-गम ऐसे लोग ही यहाँ फ़रिश्ते कहलाते हैं किशोरी रमण

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2 comentarios


Miembro desconocido
20 oct 2022

Bahut hi sundar....

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verma.vkv
verma.vkv
05 oct 2022

वाह वाह, दोस्तों को समर्पित बहुत सुंदर कविता।

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