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कविता-दीपक जलाना चाहिए

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Dec 15, 2021
  • 1 min read

रिश्ते चाहें जैसे भी हों, हमें उसे निभाना चाहिए आसुओं के सैलाब को दुनिया से छुपाना चाहिए क्या हुआ जो हमे कभी रोशनी मय्यसर न हुई अंधेरो में औरों के लिये दीपक जलाना चाहिए जब भी चर्चा होती है उनकी,कलम ठहर जाते है पन्नो पर स्याही बन मेरे सपने बिखर जाते है माना, प्यार और जज्बात की कीमत नही होती मेरे प्यार को बार बार फिर क्यों आजमाते है सवाल तोआज भीअपनी मंजिलो के खोने का है सब कुछ होकर भी उनका यहाँ न होने का है गम नही उन्होंने ठुकराया है मेरा पैगामे मोहब्बत गम तो उनके किसी और के बाहों मे होने का है सपने मजबूर नहीं होते किश्मत मजबूर होता है खुदा के दर पे हर मन्नत कहाँ मंजूर होता है प्यार को पाने वाले होते है बहुत खुशनसीब बरना बुझे चिरागो से अंधेरा कहाँ दूर होता है किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow, share and comments. Please follow the blog on social media .link are on contact us page. www.merirachnaye.com




2件のコメント


不明なメンバー
2021年12月20日

Very nice....

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kumarinutan4392
kumarinutan4392
2021年12月16日

Very nice 👌

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