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कविता "दोस्तो की ख़ैर-खबर लेते रहिये"

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Aug 6, 2022
  • 1 min read

Updated: Aug 7, 2022

तुम चले गए चुपचाप हमे छोड़ गए सोता जाने के पहले यार कुछ तो कहा होता वो तेरे दोस्त ही हैं जो गम मना रहे हैं वरना कौन है यहाँ जो तेरे लिए रोता आज पता नही हमारे सब दोस्त कहाँ होंगे वो हमें याद तो करेंगें ही चाहे जहाँ होंगे यहाँ वक़्त कभी रुकता नही किसी के लिए कल हम नही हमारे कदमो के निशां होंगे ज़िंदगी के सफर में मैं कब तक चल पाता हूँ अपने दोस्तों का साथ कब तक निभाता हूँ बुलावा आया तो चल दूँगा चादर समेट कर इसी लिए तो अब रुख़्सती के गीत गाता हूँ जब तक जिन्दा हैं दोस्तो से प्यार करते रहिये अगर प्यार नही तो उनसे तकरार करते रहिये बड़ा मजा आता है किसी अपने को चिढ़ाने में चिढ़ाकर ही सही दोस्तों की ख़ैरखबर लेते रहिये

किशोरी रमण

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3 Comments


sah47730
sah47730
Aug 08, 2022

बहुत सुंदर कविता।

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verma.vkv
verma.vkv
Aug 07, 2022

वाह, बहुत सुंदर कविता दोस्तों को समर्पित।


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Unknown member
Aug 07, 2022

Bahut hi sundar.....

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