आज बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी की जयंती है। बाबा साहब न केवल स्वतंत्रता सेनानी और संबिधान के निर्माता थे बल्कि वे सामाजिक क्रांति के पुरोधा, शोषितों-वंचितों के मसीहा और युग-द्रष्ठा भी थे। उन्होंने अपने संघर्षों एवं प्रयासों से समता मूलक एवं भेदभाव रहित समाज की स्थापना की और अज्ञान और अंधविश्वास को दूर कर करोडो घरों में ज्ञान की ज्योति जलाई।
आज हम सब उन्हें शत शत नमन करते है। इस अवसर पर मैं अपनी कविता उन्हें समर्पित करता हूँ जिसका शीर्षक है---
" नमन करते हैं '
बाबा साहब की जयंती पर उनको नमन करते हैं
आधुनिक भारत के निर्माता का वंदन करते हैं
धन्य हैं वे सामाजिक क्रांति के पुरोधा,महानायक
शोषितो,वंचितों के मसीहा का अभिनंदन करतेहैं
बाबा साहब ने हमें हमारा संविधान दिया है
दलितों, मज़लूमों को इज्जत और मान दिया है
हो समता- मूलक समाज, और सबका विकास
कोई नहीं है किसी से कम यही पैगाम दिया है
हम सब खुद भी पढ़ेगें, औरों को भी पढायेंगे
समाज मे हर ओर शिक्षा की रौशनी फैलायेगें
जहाँ भी दिखेगा समाज मे अज्ञान का अंधेरा
वहाँ बाबासाहब के उपदेशों की ज्योति जलायेंगे
अब कोई भी गरीब यहाँ भूख से नहीं मरेगा
अब कोई भी कमजोर यहाँ जुल्म नही सहेगा
देश के संसाधनों पर अब होगा अधिकार सबका
हरेक देश वासी को उसका वाज़िब हक मिलेगा
आओ सब मिल कर जय भीम का नारा लगायें
भेद-भाव वाली इस व्यवस्था को मिट्टी में मिलायें
हो अब अंधविश्वास और अशिक्षा का समूल नाश
फुले और बाबा साहब के सपनोका भारत बनायें
किशोरी रमण
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Very nice
बाबा साहब स्वर्गीय भीमराव अम्बेडकर
दलितों और शोषितों के मसीहा थे। उनकी जयन्ती पर उन्हें शत शत नमन!
बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर
सादर नमन।