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कविता " नेकी करते जाना "

Writer's picture: Kishori RamanKishori Raman

Updated: Feb 9, 2022




ज़िन्दगी में बस नेकी करते जाना क्योंकि नेकी करना अच्छा होता है क्या फर्क पड़ता है हमे इससे कि किसी को यह क्या दिखता है यहाँ जो कुछ भी है जमाने का है फिर क्यो उन्हें अपना बताने का है सब कुछ रह जायेंगे यही धरे के धरे कुछ भी नही तेरे साथ जाने का है वक़्त किसी का इंतज़ार नही करता है यहाँ कोई किसी से प्यार नही करता है ये ज़िन्दगी तो है पानी का बुलबुला जो शख्श यहाँ जन्मा है जरूर मरता है मोह माया के चक्कर मे क्यो पड़ता है तू कयामत के आने से क्यो डरता है खोल दो मुठ्ठी बिखर जाने दो सबकुछ ले नही जा सकते तो जमा क्यो करता है

जब अंत समय आता है तो

यहाँ हर ब्यक्ति अकेला होता है

उसे तो पता भी नही होता कि

उसकी अर्थी में क्या होता है

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3 Comments


sah47730
sah47730
Feb 09, 2022

जीवन के कड़वे अनुभव ही

हमारी आंखें खोल देते हैं।

जीवन की सच्चाई-

पहले पता नहीं होता,

जब पता होता है तो-

हम मुट्ठी खोल देते हैं।

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Unknown member
Feb 09, 2022

very nice.....

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verma.vkv
verma.vkv
Feb 09, 2022

वाह, जीवन की सच्चाई से रू ब रू कराता यह कविता।

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