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कविता "मशाल जलाना होगा"

Writer: Kishori RamanKishori Raman

वे जेबों में रखते हैं खंज़र,और तिरंगा लहराते हैं

ऐसे बहु-रूपिये समाज मे हर ओर नजर आते हैं

देश के नौजवानों तुम्हे रहना है इनसे सावधान

गरीबों का हक मार ये समाज मे दंगा करवाते हैं


सत्ता पर है पकड़,और समाज मे बोलबाला है

देशभक्ति की आड़ में करता वो धंधा काला है

घोटालों से भरा है जिसका खुद का इतिहास

वही आज भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने वाला है


अपने घरों से निकल सड़को पर आना होगा

इनके षडयंत्रो से अपने मुल्क को बचाना होगा

गुमराह हो रहे है जो हमारे देश के नौजवान

हमे प्यार से उनको असलियत समझाना होगा


बाबा साहब का संबिधान है उम्मीद की किरण

हमे देश के हर घर तक इसे पहुचाँना होगा

आज भी समाज मे है जो शोषित और वंचित

उनसबो के लिए हमे आवाज तो उठाना होगा


आजादी और लोकतंत्र की कीमत है अनमोल

जान देकर भी हम सबको इसे बचाना होगा

साकार हो अपना खुशहाल भारत का सपना

देश भक्ति के मशाल को फिर से जलाना होगा


किशोरी रमण


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3 comentarios


sah47730
sah47730
24 sept 2022

अच्छी कविता

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Miembro desconocido
22 sept 2022

Very nice....

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verma.vkv
verma.vkv
21 sept 2022

आज के हालात पर सुंदर कविता।

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