चलने वाले को मंज़िल मिलेगी ही
अगर उसमे चलने का जुनून होगा
पर ये विश्वास भी होना चाहिए
कि अगले मोड पर सुकून होगा
जीवन के इस सफर मे यारों
उस दिन तुम बड़े हो जाओगे
जबअपने आसुओं को पोछ कर
खुद से ही खड़े हो जाओगे
यहां सच को झूठ से बचाना पड़ता है
इसकेलिए बहुत कुछ गंवाना पड़ता है
धोखे से जब कोई छीन लेता है जीत
अपनी हार पर ताली बजाना पड़ता है
रिश्तों का बोझ ढो कर क्या करोगे
पुरानी यादों को संजोकर क्या करोगे
जब तय है यहां से सबकी रूखसती
तब अपनों के लिए रोकर क्या करोगे
किशोरी रमण
BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE
If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments.
Please follow the blog on social media.link are on contact us page.
www.merirachnaye.com
सुंदर और भावुक अभिव्यक्ति।
Very nice.
बहुत सुंदर।