Kishori Raman
कविता "सच्चाई नही होती"

पता नही कब कौन चुपके से यहाँ आएगा
और सबको अल- विदा कह जाएगा
सब्र करना ,उसका साथ यहीं तक का था
अब लौट कर वह वापस नही आएगा
किसी के जाने के बाद उदास मत होना उसके बारे में सोंच कर परेशान मत होना जीवन- मरण सब ऊपर वाले के हाथ मे है नई कोपलें शीघ्र फूटेंगी निराश मत होना छोड़ो अब आपस मे लड़ना -झगड़ना पता नही किस वक़्त पड़ेगा बिछड़ना मुठ्ठी में बचे समय को प्यार से गुजरो खुशी के पलों को ठीक से पकड़ना सच से कड़वी कोई दवाई नही होती झूठ से बढ़ कर कोई बुराई नही होती लोग गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं यहाँ वो जो दिखते है उसमें सच्चाई नही होती किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com