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कविता "सच्चाई नही होती"

Writer's picture: Kishori RamanKishori Raman

पता नही कब कौन चुपके से यहाँ आएगा

और सबको अल- विदा कह जाएगा

सब्र करना ,उसका साथ यहीं तक का था

अब लौट कर वह वापस नही आएगा

किसी के जाने के बाद उदास मत होना उसके बारे में सोंच कर परेशान मत होना जीवन- मरण सब ऊपर वाले के हाथ मे है नई कोपलें शीघ्र फूटेंगी निराश मत होना छोड़ो अब आपस मे लड़ना -झगड़ना पता नही किस वक़्त पड़ेगा बिछड़ना मुठ्ठी में बचे समय को प्यार से गुजरो खुशी के पलों को ठीक से पकड़ना सच से कड़वी कोई दवाई नही होती झूठ से बढ़ कर कोई बुराई नही होती लोग गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं यहाँ वो जो दिखते है उसमें सच्चाई नही होती किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




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4 commentaires


sah47730
sah47730
25 août 2022

सच कहा आपने

आज के वातावरण में झूठ की अनगिनत परतों के नीचे दबती हुई सच्चाई को ढूंढना पड़ता है फिर भी नहीं मिलती। डर है कि झूठ के बोझ तले कड़ाहती सच्चाई कहीं दम न तोड़ दे। या यूं कहें कि झूठ के बोझ तले सच्चाई अंतिम सांसें गिन रही है।

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Kishori Raman
Kishori Raman
25 août 2022
En réponse à

आपका आकलन ( वर्तमान समय के लिए) बिलकुल सही है।

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Membre inconnu
25 août 2022

Very nice👍

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verma.vkv
verma.vkv
25 août 2022

वाह, बहुत सुंदर कविता।

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