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Writer's pictureKishori Raman

कविता "सच कहने से डरता है"

हवाओं का रुख देख कर

लोग आज  चुप हैं

पर परेशान वो भी हैं

जो कभी बोलते ही नही

हम तो ज़ुबान रखते हैं

और बोलते ही रहते हैं

भले ही हमारा बोलना

कुछ को नागवार गुजरता हो

हमारे विरोध के स्वर उन्हें

नक्कारखाने की तूती लगती हो


सवाल तो यही है कि

गलत को गलत क्यों न कहें

जो अन्याय के साथ खड़े है

उनका विरोध क्यों न करें

लफ्फाजियों के आवरण में

जो नाकामियों को छुपाते हैं

जो असहमत हैं उनसे

उनके स्वर को दबाते हैं

इस सत्य से आंखें मूंदकर

हम उनके पीछे क्यों चलें


वक्त बड़ा बलवान होता है

वह सबका इम्तहान लेता है

आकाश में उड़ने वालों को

धूल में मिला देता है

बस हौसला बनायें रखना

उम्मीद की लौ जलाए रखना

जो सच कहने से डरता है

वह रोज यहां पर मरता है


किशोरी रमण




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111 views3 comments

3 Comments


Unknown member
Apr 11

Very nice👍

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verma.vkv
verma.vkv
Mar 05

बहुत सुंदर।

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verma.vkv
verma.vkv
Jan 21

वाह, बहुत सुंदर।

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