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कविता "सच कहने से डरता है"

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Jan 20, 2024
  • 1 min read

हवाओं का रुख देख कर

लोग आज  चुप हैं

पर परेशान वो भी हैं

जो कभी बोलते ही नही

हम तो ज़ुबान रखते हैं

और बोलते ही रहते हैं

भले ही हमारा बोलना

कुछ को नागवार गुजरता हो

हमारे विरोध के स्वर उन्हें

नक्कारखाने की तूती लगती हो


सवाल तो यही है कि

गलत को गलत क्यों न कहें

जो अन्याय के साथ खड़े है

उनका विरोध क्यों न करें

लफ्फाजियों के आवरण में

जो नाकामियों को छुपाते हैं

जो असहमत हैं उनसे

उनके स्वर को दबाते हैं

इस सत्य से आंखें मूंदकर

हम उनके पीछे क्यों चलें


वक्त बड़ा बलवान होता है

वह सबका इम्तहान लेता है

आकाश में उड़ने वालों को

धूल में मिला देता है

बस हौसला बनायें रखना

उम्मीद की लौ जलाए रखना

जो सच कहने से डरता है

वह रोज यहां पर मरता है


किशोरी रमण




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3 Comments


Unknown member
Apr 11, 2024

Very nice👍

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verma.vkv
verma.vkv
Mar 05, 2024

बहुत सुंदर।

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verma.vkv
verma.vkv
Jan 21, 2024

वाह, बहुत सुंदर।

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