top of page

# कवि की अमानत #"

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Nov 12, 2021
  • 1 min read

Updated: Nov 13, 2021



आज जब मैं अपने बीते दिनों को,अपनी डायरी के पन्नों में तलाश कर रहा था तो एक पुरानी कविता पर मेरी नज़र अटक सी गई। ये उस समय की कविता है जब जवान होता मन और सतरंगी सपनो ने ज़िन्दगी की रुहानियत को महसूस करना शुरू ही किया था। उसी कविता को (जो कविता मैंने कॉलेज मैगज़ीन के लिए लिखी थी।) मैं यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसका शीर्षक है•••••


कवि की अमानत


प्यार भरी राहो में उनको भी पाकर

खुशियों के सारे ये दीपक जलाकर

कभी मुझको उनसे न शिक़वा रहेगी

अगर वे देखे जरा मुस्कुरा कर


लाखो गम जीवन मे परवाह नही

मर के भी मैं तो जिंदा रहूँगा

न तनहाई में उनकीआँखें भरआये

वरना मैं हरदम शर्मिन्दा रहूँगा


मैं भावुक मैं लिखता हूं नग़में मगर

मेरी जाने गजल और प्राण वही है

ये धड़कन ये चाहत है कुर्बान जिसपे

मेरा दीन वही और ईमान वही है


या खुदा तेरी मुझपे ये रहमत रहे

मेरी जाने वफ़ा बस सलामत रहे

टूटे न गीतों का ये सिलसिला

वो भावुक कवि की अमानत रहे


किशोरी रमण



BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE


If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments.


Please follow the blog on social media.link are on contact us page.


3 Comments


kumarinutan4392
kumarinutan4392
Nov 14, 2021

Bahut hi Sundar ....

Like

sah47730
sah47730
Nov 13, 2021

नये उम्र के प्यार के एहसास की अभिव्यक्ति। कवि की ये अमानत सलामत रहे।

:-- मोहन"मधुर"

Like

Unknown member
Nov 13, 2021

Very nice.....

Like
Post: Blog2_Post

Subscribe Form

Thanks for submitting!

Contact:

+91 7903482571

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn

©2021 by मेरी रचनाये. Proudly created with Wix.com

bottom of page