दूसरो में गलतियां ढूंढना इन्सान की फितरत है। कहीं
कुछ गलत है या कुछ अच्छा नहीं हो रहा है तो हम बिना कुछ सोचें इसका दोष दूसरो पर मढ कर अपने जिम्मेवारियों से मुक्त हो जाते है।
हमे हरदम यही लगता है कि जो कुछ भी हम सोचतें है या करते हैं वही ठीक है और जो दूसरे करते हैं, सब गलत। ज्यादातर इन्सान यही सोचता रहता है कि उसकी अपनी सोंच, अपनी आदत, उसके विचार और कार्य सब ठीक हैं। अगर कुछ ठीक नहीं है तो वह है दूसरो के कार्य और विचार, और हमे औरों को यह बात समझाना चाहिए कि वे ही गलती कर रहे हैं। इसी तरह हम औरों में बस गलतियां ही ढूढते रहते हैं, और बार बार लोगों से यही कहने की कोशिश करते है कि तुमने ये ठीक नहीं किया।
असल में होना ये चाहिए कि हम इन्सान में केवल गलतियों को ही नहीं बल्कि उसकी अच्छाइयों को भी देखें। उसके बाहरी रूप के बजाय उसके आत्मिक रूप पर भी ध्यान दें।
अगर हम यह सोंचतें है कि सारे लोग हमारी मर्जी के मुताबिक ही चलेगें तो यह नामुमकिन है। हम अपनी जिंदगी को अपने अनुसार बना सकते हैं, दूसरो की जिंदगी को नही। तो हमे पहले अपने आप को बदलना होगा ताकि हमे अपनी कमज़ोरियां और दूसरो की अच्छाइयां नजर आ सके।
जब हम खुद के बारे में जानने की कोशिश करते हैं, खुद के साथ समय बिताते हैं तो यह जान पाते हैं कि हमारे आस पास की दुनियां हमारी अपनी समझ का प्रतिबिंब है। हम भले ही दूसरों को दोषी ठहराए, बीते कल या आने वाले कल की चिंता में डूबे रहें, जब तक हम अपने आज को नही स्वीकारते, वर्तमान पल की जिम्मेदारी नहीं समझते तब तक नही जान पाते कि ज्यादातर समय हम अपने साथ ही नाच रहे होते हैं।
कभी कभी हमे ये भ्रम भी होता है कि हमारे आस पास के लोग बस हमारे बारे में ही सोच रहे होते हैं। हमारे चेहरे, हमारे कपड़े हमारे चलने और बोलने के ढंग के आधार पर हमारे बारे में गंदे कॉमेंट कर रहे होते है। इस बात को लेकर हमे चिंता भी होती है। पर ज्यादातर मौकों पर ऐसा बिल्कुल भी नही हो रहा होता है। ज्यादातर समय दूसरो को फर्क ही नहीं पड़ता, वे हमारे बारे में सोच भी नही रहे होते हैं।
तो हमे क्या करना चाहिए ? हमे अपने सोचने के तरीके को बदल देना चाहिए। जो विचार काम के नही है उसके भार से खुद को मुक्त कर लेना चाहिए। फिर अपने अंदर की दुनिया में अपना ध्यान लगाना चाहिए। अगर हमारे अंदर की दुनियां खुशियों से भरपूर है, खूबसूरत है, आनंद और मस्ती से भरपूर है तो फिर किस बात की चिन्ता ?
किशोरी रमण
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सुन्दर व सही विचार
बिल्कुल सही। हमें सोचने के तरीके बदल देने चाहिए।
Very nice.