Kishori Raman
" क्यों उन्हें शिकायत है "

क्यों उन्हें शिकायत है ?
अकेला ही मैं तो चलता रहा दुनिया का हर दर्द सहता रहा मंज़िल पर पहुँचा तो बोले वो निकम्मे हो कुछ किया ही नही फिर क्यो उन्हें शिकायत है ज़िन्दगी को मैंने जीया ही नही अगर यहाँ सब अच्छा होता तो झूठ कभी न सच्चा होता मुझे उस गलती की सजा मिली जो मुझसे कभी हुआ ही नही फिर क्यो उन्हें शिकायत है ज़िन्दगी को मैंने जीया ही नही देने की हसरत में देता गया अपना सब कुछ खोता गया मुझ पर किसी का इल्जाम है उनको कुछ दिया ही नही फिर क्यों उन्हें शिकायत है ज़िन्दगी को मैंने जीया ही नही जब खूब मची थी आपा धापी तो दुनिया मान रही थी पापी तब बाँट दिए सब अपने अमृत ख़ुद तो कभी पिया ही नही फिर क्यों उन्हें शिकायत है ज़िन्दगी को मैंने जीया ही नही किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com