# नया सवेरा हो #
- Kishori Raman
- Jan 1, 2022
- 1 min read

आओ आज हम सब
प्यार का गीत गाते है
ज़िन्दगी को जीने का
नया फ़लसफ़ा सिखाते हैं
बहुत खिलायें हैं लोगो ने
यहाँ नफ़रतों के फूल
आओ आज मिल कर
शान्तिके कपोत उड़ाते है
अब बस भी करो यारो
ये दुश्मनी और ये झगड़े
आओ हमसब मिल कर
दोस्ती का पाठ पढ़ाते है
जो उजड़ गये हैं अपने
हम सब के गुलिस्तां
उसको अपने प्यार से
अब हरा भरा बनाते हैं
हम दुआ करे कि शांति हो
न आपस मे कभी भ्रांति हो
न जाति धर्म का बंधन हो
इंसानियत का अभिनंदन हो
यहाँ न कोई परेशानी हो
न ही कुरीतियों का घेरा हो
कल एक नया सूरज निकले
और एक नया सवेरा हो
किशोरी रमण
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Very nice.....
बहुत सुंदर कविता।