कविता #नया सूरज, नया सबेरा#
- Kishori Raman
- Dec 31, 2022
- 1 min read

आओ आज हम सब
प्यार का गीत गायें
ज़िन्दगी को जीने का
नया फ़लसफ़ा सिखायें
बहुत खिलायें हैं यहाँ
लोगोंने नफ़रतों के फूल
आओ आज हम सब
शान्ति के कपोत उड़ायें
अब बन्द करो यारो
ये दुश्मनी ये झगड़े
आओ सब मिल कर
हम दोस्त बन जाते है
जो उजड़ गये यहाँ
हम सब के गुलिस्ताँ
आओ अपने प्यार से
उसे हरा भरा बनाते हैं
दुआ करें कि शांति हो
आपस मे न भ्रांति हो
न जातिधर्म का बंधन हो
इंसानियत का वन्दन हो
यहाँ न कोई परेशानी हो
न कुरीतियों का घेरा हो
आज नया सूरज निकले
आज नया सबेरा हो
किशोरी रमण
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Very nice.
बहुत सुंदर कविता।