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न्याय नहीं मिलता

Writer: Kishori RamanKishori Raman

कहते हैं  कि  पंच तो परमेश्वर   होता है

उसका  कोई  शत्रु  या  मित्र नही  होता

उनसे  हम  कैसे  करें  न्याय की उम्मीद

जिनमे न्याय करने का चरित्र नही होता


न्याय  की  किताब  पढ़ने  में  भी  यहां

गरीबों  के  साथ  ना  इंसाफी  होता  है

बेगुनाह  तो  बंद  रहते  हैं यहां जेलों में

बलात्कारियों  को  यहां  माफी  होता है


जब  भी  यहां  फैसले की घड़ी आती है

कानून की व्याख्या पैसों से तुल जाती है

वर्षो बाद भी कही तो न्याय नहीं मिलता

कहीं  रात  में भी अदालतें खुल जाती है


गरीब अगर हक मांगेतो वह जेल जाता है

सिस्टम से सवालपर देशद्रोही कहलाता है

समर्थवान अपराध कर के भी बच जाते है

और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक उड़ाते है


कहने को तो लोकतंत्र में जनता मालिक है

संसाधनों के बटवारे में वह कहां शामिल है

यहां  चंद  लोग ही  बांट  लेते है  सब कुछ

बजट और सियासत से इन्हे क्या हासिल है



किशोरी रमण



आप सब खुश रहें, स्वस्थ रहें और मस्त रहें

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1 Kommentar


verma.vkv
verma.vkv
24. Okt. 2024

बहुत सुंदर रचना।

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