न्याय नहीं मिलता
- Kishori Raman
- Oct 22, 2024
- 1 min read

कहते हैं कि पंच तो परमेश्वर होता है
उसका कोई शत्रु या मित्र नही होता
उनसे हम कैसे करें न्याय की उम्मीद
जिनमे न्याय करने का चरित्र नही होता
न्याय की किताब पढ़ने में भी यहां
गरीबों के साथ ना इंसाफी होता है
बेगुनाह तो बंद रहते हैं यहां जेलों में
बलात्कारियों को यहां माफी होता है
जब भी यहां फैसले की घड़ी आती है
कानून की व्याख्या पैसों से तुल जाती है
वर्षो बाद भी कही तो न्याय नहीं मिलता
कहीं रात में भी अदालतें खुल जाती है
गरीब अगर हक मांगेतो वह जेल जाता है
सिस्टम से सवालपर देशद्रोही कहलाता है
समर्थवान अपराध कर के भी बच जाते है
और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक उड़ाते है
कहने को तो लोकतंत्र में जनता मालिक है
संसाधनों के बटवारे में वह कहां शामिल है
यहां चंद लोग ही बांट लेते है सब कुछ
बजट और सियासत से इन्हे क्या हासिल है
किशोरी रमण
आप सब खुश रहें, स्वस्थ रहें और मस्त रहें
अगर पोस्ट अच्छा लगे तो इसे लाइक और शेयर करें
Media link www.merirachnayen.com
बहुत सुंदर रचना।