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  • Writer's pictureKishori Raman

# परिश्रम और धैर्य #

Updated: Dec 4, 2021




आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में मैंने बहुतो को ये कहते सुना है कि वे परिश्रम तो बहुत करते हैं लेकिन उन्हें अनुकूल परिणाम नही मिल पाते है। इस कारण वे निराश हो परिश्रम करना ही छोड़ देते है। यहाँ हमे यह समझना चाहिए कि लक्ष्य हासिल करने के लिए परिश्रम करना तो आवश्क है ही पर परिश्रम के परिणाम की धैर्य पूर्वक प्रतीक्षा करना भी आवश्यक है। अगर हममे धैर्य का अभाव है तो हमारा प्रयास कई दिशाओं में बिखर जाता है और हमे वांछित परिणाम नही मिलते है। बिना धैर्य के अनेक दिशाओं में किया गया प्रयास श्रम और समय की बर्वादी ही है और कुछ नहीं। इस सम्बन्ध में भगवान बुद्ध का उपदेश प्रस्तुत है जो उन्होंने अपने शिष्यों को दिया था। एक बार की बात है भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ उपदेश देने के लिए एक गाँव में जा रहे थे। उन्हें मार्ग में जगह जगह बहुत सारे गड्ढे खुदे हुए मिले। यह देख कर एक शिष्य ने भगवान बुद्ध से पूछा कि इस तरह रास्तों पर खुदे हुए गड्ढे का रहस्य क्या है ? इस पर भगवान बुद्ध ने कहा कि पानी की तलाश में किसी ब्यक्ति ने इतने सारे गड्ढे खोदे है। इसपर शिष्य ने पूछा कि इतने सारे गढ्ढे खोदने की क्या आवश्यकता थी ? इस पर बुद्ध ने कहा कि धैर्य का अभाव। यदि वह धैर्य पूर्वक एक ही स्थान पर गड्ढा खोदता तो उसे पानी अवश्य मिल जाता। पर वह तो थोड़ी देर गड्ढा खोदता और पानी नही मिलने पर दूसरा गड्ढा खोदना शुरू कर देता। इसी कारण इतने परिश्रम के बाद भी उसे पानी नही मिला। भगवान बुद्ध आगे कहते है कि ब्यक्ति को परिश्रम करने के साथ ही धैर्य रखना भी जरूरी है। तो हमे यह याद रखना चाहिए कि हमारे जीवन मे परिश्रम का जितना महत्व है उतना ही महत्व है धैर्य का, क्योंकि कभी कभी धैर्य की कमी के कारण, सही रास्ते पर होते हुए भी हम मंजिल तक नही पहुँच पाते हैं। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




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