Kishori Raman
बहरे संदर्भ

बहुत पहले "बहरे सन्दर्भ" नाम की एक लघु कविता संग्रह प्रकाशित हुई थी जिसमे हम पांच दोस्तो , मैं ,विजय कुमार वर्मा, मोहन मधुर, मनोज कुमार तथा कृष्णा कुमार (के.के) की कविताएँ संग्रहित हुई थी।
उसी संग्रह की अपनी पहली कविता प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसका शीर्षक है ....
बहरे संदर्भ
आज
सन्दर्भ भले ही बहरे हो
पर
हमने तो
छेड़ी है जेहाद
गूंगेपन के खिलाफ
भले ही
कुछ को
हमारा रोना
हमारा हँसना
एक भड़ास लगे
पर हमारे टूटे गीत
हमारा पिघलता हुआ दर्द
और खुद
हमारा भोगा हुआ यथार्थ
हमे बिश्वास है कि
इस बहरे संदर्भ में भी
हमे पहचान देंगे
हमारे लेखन को
नया आयाम देंगे।
किशोरी रमण