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बिहार के लेनिन-जगदेव प्रसाद

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Feb 1, 2023
  • 2 min read

( जयन्ती पर विशेष )

आधुनिक भारत के बहुजन नायकों की बात की जाय तो फुले,पेरियार, बाबा साहब के साथ उत्तर प्रदेश के राम स्वरूप वर्मा, ललई सिंह यादव तथा विहार के जगदेव प्रसाद, कर्पूरी ठाकुर और बी पी मंडल का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है। सच कहा जाय तो उत्तर भारत मे सामाजिक सांस्कृतिक क्रांति के जनक बाबू जगदेव प्रसाद ही थे जिन्होंने लोहिया जी के समाजबाद से अपनी राजनीति की शुरुआत की और फिर सांस्कृतिक बदलाव और गरीब गुरबो के रोटी और सम्मान के लिए लड़ाई पूरी निष्ठा से लड़ी और इसी के लिए शहीद भी हुए। लोगो ने उन्हें बिहार का लेनिन के खिताब से नवाजा। उन्हे भारतीय राजनीति की बहुजन विचारधारा को नई सोंच और नई ऊंचाई प्रदान करने का श्रेय दिया जाता है जिसके केन्द्र में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार की उनकी प्रबल इच्छा थी। उनका जन्म 2 फरबरी 1922 को जहानाबाद के कुर्था प्रखंड के कुरहारी गाँव मे हुआ था। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक और परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। शुरुआत में उन्होंने कई पत्रिकाओं का संपादन भी किया। सन 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर बिहार बिधान सभा का चुनाव कुर्था से लड़ा और भारी मतों से विजयी हुये। 25 अगस्त 1967 को उन्होंने "शोषित दल" नाम से पार्टी बनाई। उस समय उन्होंने कहा था कि ---"जिस लड़ाई की बुनियाद आज मैं डाल रहा हूँ वह एक लंबी और कठिन लड़ाई होगी। चूंकि मैं एक क्रांतिकारी पार्टी का निर्माण कर रहा हूँ इस लिए इसमें आने-जाने वालों की कमी नही रहेगी परन्तु इसकी धारा रुकेगी नही। इसमे पहली पीढ़ी के लोग मारे जाएंगे, दूसरी पीढ़ी के लोग जेल जायेगें और तीसरी पीढ़ी के लोग राज करेंगें। जीत अंततोगत्वा हमारी ही होगी। उनके दिये नारे आज भी काफी लोकप्रिय है। जिनमे से कुछ यहाँ प्रस्तुत है। दस का शासन नब्बे पर नही चलेगा, नही चलेगा। सौ में नब्बे शोषित है, नब्बे भाग हमारा है। धन, धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है। मानववाद की क्या पहचान, ब्राम्हण भंगी एक समान। पुनर्जन्म और भाग्यवाद, इनसे जन्मा ब्राह्मणवाद। 5 सितंबर 1974 को वे जहानाबाद जिले के कुर्था में शोषित समाज दल के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे जब पुलिस ने षड़यंत्र के तहत उनपर गोली चलाई। गोली उनकी गर्दन में लगी। पुलिस घायल अवस्था मे ही उन्हें पुलिस स्टेशन ले गई जहाँ पानी पानी की गुहार लगाते हुए जगदेव बाबू ने अपनी अंतिम साँसे ली। वे शोषित समाज के लिए अपने प्राण न्योछावर कर सदा के लिए अमर हो गये। आईए, आज हम शपथ ले कि उनके रास्ते पे चलेंगे एवं उनके कारवाँ को आगे बढ़ायेगे। उनकी जयन्ती पर उन्हें शत शत नमन। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com


2 comentarios


verma.vkv
verma.vkv
04 feb 2023

शत शत नमन।

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Miembro desconocido
02 feb 2023

Bahut hi sundar...

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