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" बीते हुए कल के लिए पछतावा क्यो ?"

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Jan 13, 2022
  • 3 min read

एक बार एक प्रोफेसर क्लास ले रहे थे। क्लास के सभी छात्र उनके लेक्चर को बहुत ही ध्यान से सुन रहे थे और उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे। लेकिन उन छात्रों के बीच कक्षा में एक ऐसा भी छात्र था जो चुपचाप और गुम-सुम सा बैठा हुआ था। प्रोफेसर ने पहले ही दिन उस छात्र को नोटिस कर लिया था पर वे बोले कुछ नहीं। लेकिन जब अगले तीन-चार दिनों तक यही सिलसिला चलता रहा तो उन्होंने उस छात्र को क्लास के बाद अपने केबिन में बुलाया। उन्होंने उस छात्र से पूछा कि तुम हर समय क्लास में उदास बैठे रहते हो, किसी से बात भी नहीं करते और ना ही लेक्चर पर ध्यान देते हो। क्या बात है, कोई परेशानी है क्या ? वह छात्र पहले तो खमोश रहा फिर कुछ हिचकिचाते हुए बोला - सर, मेरे अतीत में कुछ ऐसा हुआ है जिसकी वजह से मैं हमेशा परेशान रहता हूँ। मुझे समझ नही आता कि मैं क्या करूँ ? प्रोफ़ेसर भले व्यक्ति थे। वे उस छात्र की समस्या को समझ गए। उन्होंने उस छात्र को शाम को अपने घर पर बुलाया। जब वह शाम को प्रोफेसर के घर पहुँचा तो प्रोफेसर ने उसे अंदर बुला कर बैठाया। फिर वे स्वयं किचन में चले गए और शिकंजी बनाने लगे। उन्होंने जानबूझ कर शिकंजी में ज्यादा नमक डाल दिया। बाहर आकर शिकंजी का ग्लास छात्र को देते हुए कहा, यह लो शिकंजी। छात्र ने ग्लास हाथ में लेकर जैसे ही एक घूँट लिया, अधिक नमक के कारण उसका मुँह अजीब सा बन गया। उसे देखकर प्रोफ़ेसर ने पूछा, क्या हुआ ? शिकंजी पसंद नहीं आई क्या ? छात्र बोला-नहीं सर,ऐसी कोई बात नहीं है। बस शिकंजी में नमक थोड़ा ज्यादा है।प्रोफेसर बोले- अरे, तब तो यह बेकार हो गया है। लाओ, ग्लास मुझे दो, मैं इसे फेंक देता हूँ। ऐसा कहते हुए प्रोफेसर ने छात्र से ग्लास लेने के लिए अपना हाथ बढ़ाया। छात्र ने मना करते हुए कहा- नहीं सर,बस नमक ही तो ज्यादा है। थोड़ी चीनी और मिलाएंगे तो स्वाद ठीक हो जाएगा। यह बात सुनकर प्रोफेसर थोड़े गंभीर हो गए और बोले- सही कहा तुमने, पर अब अपने कहे को समझ भी जाओ। यह शिकंजी तुम्हारी जिंदगी है जिस में घुला हुआ अधिक नमक तुम्हारे अतीत के बुरे अनुभव हैं। जैसे नमक को शिकंजे से बाहर नहीं किया जा सकता वैसे ही तुम बुरे अनुभवों को भी अपनी जिंदगी से अलग नहीं कर सकते। वे बुरे अनुभव भी जीवन का ही हिस्सा है। लेकिन जिस तरह शिकंजी में चीनी घोल कर उसका स्वाद बदल सकते हो, उसी तरह बुरे अनुभव को भुलाने के लिए जीवन में मिठास तो घोलनी ही पड़ेगी ना। इसलिए मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी जिंदगी में अधिक मिठास घोलो। प्रोफ़ेसर की बात छात्र की समझ में आ गई थी। अब उसने निश्चय किया कि वह अपने बीते हुए कल से परेशान नहीं होगा क्योंकि जो हो चुका है उसे बदला नहीं जा सकता। दोस्तों, अक्सर हम जिंदगी में अतीत की बुरी यादों या अनुभव को याद कर दुखी होते रहते हैं। इस तरह हम अपने वर्तमान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, और कहीं न कहीं अपना भविष्य बिगाड़ लेते हैं। जो हो चुका है उसे तो बदला नहीं जा सकता है लेकिन कम से कम उसे भुलाया तो जा सकता है। और उसे भुलाने के लिए नई मीठी यादें हमें बनानी होगी। अतः अपने जीवन में नए मीठी और खुशनुमा लम्हों को लाइए तभी तो जिंदगी में मिठास आ पायेगी। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




4 comentarios


Miembro desconocido
08 feb 2022

very nice...

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sah47730
sah47730
14 ene 2022

बहुत ही सुन्दर और सटिक उदाहरण युक्त कहानी। मकर संक्रान्ति की हार्दिक बधाई!

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verma.vkv
verma.vkv
14 ene 2022

प्रेरणादायक कहानी। अच्छी प्रस्तुति।

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verma.vkv
verma.vkv
13 ene 2022

बहुत सुन्दर और प्रेरणादायक कहानी |

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