एक जलते हुए दीपक से हजारो दीपक रोशन किये जा सकते हैं, फिर भी उस दीपक की रोशनी कम नही होती। इसी तरह खुशियाँ बाटने से बढ़ती है कम नही होती।
तुम्हे अपने क्रोध के लिए सजा नहीं मिलती बल्कि तुम्हे अपने क्रोध से ही सजा मिलती है।
हजारो लड़ाइयाँ जितने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो फिर जीत हमेशा तुम्हारी है। इस जीत को तुमसे कोई नही छीन सकता।
बुराई से बुराई खत्म नही हो सकती। बुराई को केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है। यह एक प्राकृतिक सत्य है।
सत्य के मार्ग पर चलते हुए ब्यक्ति केवल दो ही गलतियाँ कर सकता है, या तो पूरा रास्ता तय न करना या शुरुआत ही न करना।
भूतकाल मे न उलझो, भविष्य के सपनो में मत खो जाओ। बर्तमान पर ध्यान दो। यही खुश रहने का एकमात्र रास्ता है।
तीन चीजें कभी नही छुप सकती, सूर्य, चंद्र और सत्य।
क्रोध करना किसी जलते हुए कोयले को किसी दूसरे पर फेंकने की इच्छा से पकडे रहने के समान है। यह सबसे पहले आपको ही जलाता है।
मंज़िल या लक्ष्य तक पहुँचने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि यात्रा अच्छे से करना। हजारो शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाता है।
आप चाहे तो कितनी भी किताबें पढ़ लें, अच्छे शब्द सुन ले, उनका कोई फायदा नहीं जब तक कि उनको आप अपने जीवन में नहीं अपनाते।
संदेह या शक की आदत से भयानक कुछ भी नहीं है। संदेह लोगों को अलग करता है और शक मित्रता को तोड़ता है।
खुशियों का कोई रास्ता नहीं। खुश रहना ही सबसे अच्छा रास्ता है।
अगर आप वाकई में अपने आप से प्रेम करते हैं तो आप कभी भी दूसरों को दुख नहीं पहुंचा सकते।
किशोरी रमण
BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE
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बहुत सुंदर ।
आप सभी को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं.
Very nice...
Aati Sundar.....
सुन्दर पोस्ट।