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  • Writer's pictureKishori Raman

मां, ओ मेरी मां





इस  जिंदगी  में  तेरी कमी मुझे  सताती है

लौट आओ मेरी मां  मुझे तेरी याद आती है

आज  जो भी हैं हम सब तेरे ही बदौलत हैं

आशीर्वाद आपका मां हमे रास्ता दिखाती है


आपकी ऊंगली पकड़ हमने चलना सीखा था

आपकी  ममता  ने मेरे  बचपन  को सींचा था

मुसीबत आईतो तुम चट्टान की तरह  खड़ी रही

जब  हम  रोए तो हमे अपने बाहों में भींचा था


सब कुछ मिला जिंदगी में  कोई कमी नही है

कमी है तो बस इतना कि मेरे पास तू नही है

इस लायक तूने मुझको बनाया है मेरी माता

कि खुद समझ सकूं, क्या गलत क्या सही है


अब किससे हम रूठेगें,अब कौन हमे मनाएगा

नींद  नहीं आयेगी  तो हमे लोरी कौन सुनाएगा

तू नही तो कुछभी नही अब लौट आओ मेरी मां

इस बेरहम  दुनियां से अब कौन मुझे  बचाएगा




किशोरी रमण


मां की पुण्य तिथि पर मां को समर्पित कविता। मां को नमन एवम श्रद्धांजलि।



BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE


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117 views3 comments

3 opmerkingen


Onbekend lid
11 apr.

Very nice.

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VIJAY VERMA
VIJAY VERMA
09 jan.

शत शत नमन।

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kumarprabhanshu66
kumarprabhanshu66
08 jan.

शत शत नमन 🙏

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