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मामा जी

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Aug 29, 2021
  • 1 min read

Updated: Sep 19, 2021

हमारे समाज मे मामा और भांजे का रिश्ता न सिर्फ प्यार और सम्मान से बंधा होता है बल्कि बेबाक और हँसी-मजाक से भरपूर भी होता है। बच्चा अपनी माँ के बाद अगर किसी पर सबसे ज्यादा बिश्वास करता है और किसी का करीबी होता है तो वह अपने मामा का ही। यहां भांजा अपने मामा को याद कर उससे शीघ्र आने की गुहार लगाता है। रिश्ते की इसी गर्माहट को महसूस कराने वाली एक छोटी सी कविता प्रस्तुत है जिसका शीर्षक है ......



मामा जी गोलघर की सैर कराते मेरे अच्छे मामा जी टॉफी के तो ढेर लगाते मेरे प्यारे मामा जी चलते चलते जब थकता हूँ गोद उठाते मामा जी रंग बिरंगी परियों वाली कथा सुनाते मामा जी गुस्सा जब उनको आता है कट्टी करते मामा जी जब उनको सॉरी कहता हूँ मिट्टी होते मामा जी छुटटी मेरी खत्म हो गई तुम न आये मामा जी आना है तो आ भी जाओ न तड़पाओ मामा जी किशोरी रमण

3 Comments


Unknown member
Feb 09, 2022

very nice😊

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verma.vkv
verma.vkv
Aug 30, 2021

बहुत अच्छे मामाजी

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Ram Mehar Singla
Ram Mehar Singla
Aug 29, 2021

Great Mama g.

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