हमारे आसू बेवफा होते हैं
अक्सर ही बहने लगते हैं
और रुसवाईयों के किस्से
जमाने से कहने लगते हैं
उल्फत में हमारे कदम
कभी लड़खड़ा भी जाते हैं
जिनसे हम बचना चाहते हैं
उन से टकरा ही जाते हैं
आंखे बंद कर लें फिर भी
उनका दीदार हो जाता है
हम चाहे या न चाहे
किसी से प्यार हो जाता है
हम जिससे प्यार करते हैं
बात करनाअच्छा लगता है
चाहे कितनी बार मिले हो
मुलाकात अच्छा लगता है
समर्पण प्रेम का आधार है
यह श्रृष्टि का उपहार है
सोच बदलो,दुनिया बदलेगी
खुश रहना जीवनका सार है
किशोरी रमण
आप सब खुश रहें, स्वस्थ रहें और मस्त रहें
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