कभी कभी कुछ साधारण से लगने वाले प्रश्न भी आपको उत्तर रहित और आश्चर्य चकित कर देते है। यूँ प्रश्न तो छोटे और आसान से लगते है पर उसके उत्तर के सही और सटीक होने पर कभी कभी शक और असमंजस की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। मेरे एक अजीज मित्र ने सवाल किया कि आप कौन हैं ? और आपकी रचनाओं का उद्देश्य क्या है ? मैं कौन हूँ ? यह तो बड़ा कठिन प्रश्न है और इसी का उत्तर खोजने के प्रयास मे ही तो सारी जिन्दगी बीत गई पर यह प्रश्न तो आज भी मेरे लिये प्रश्न ही है।
हां यह प्रश्न वाजिब है कि मेरी रचनाओं का उद्देश्य क्या है। मुझे लगता है कि मेरी रचनाएं खुद के सापेक्ष में दुनिया को समझने का मेरा एक प्रयास है और साथ ही मेरे विचारों और मेरी भावनाओं का प्रतिबिंब भी।
जिंदगी के कुछ पल और एहसास ऐसे होते हैं जिसे आप बस महसूस भर कर सकते है, उसे कोई शब्द , कोई नाम नही दे सकते।
हां, जिन्दगी के कुछ पल ऐसे भी होते है जिसका वर्णन कर सकते है जिसे आप अपनी किस्सा कहानी या फिर अपनी कविताओं का हिस्सा बना सकते है और यही किस्से और कहानियां क़िस्सागोई के दायरे से निकल कर एक विस्तृत फलक पाता है तो दुनिया को मंत्र मुग्ध कर देता है।यह किताब और लेखक दोनों को अमर कर देता है। मेरे लिए तो मेरी सार्थकता भी इसी में है कि मैं आप सबो से जुड़ सकू और यह सब मैं अपनी रचनाओ के माध्यम से करना चाहता हूँ । अगर मेरे पढ़ने वाले पाठकगण मेरी रचनाओँ से जुड़ सके तो यह मेरे लिए सन्तोष का विषय होगा । धन्यवाद सहित। (किशोरी रमण)
very nice...
Well expressed feelings Kishori Raman ji. As you wrote, your writings do connect to the readers and the vice versa. Please keep on writing.
Nice effort to link the people with your writings. Since past many years I have observed and I enjoy reading your all rachnas, lekhani. You are writing as if you are there in the character. Really great.
वाह, बहुत सही लिखा है |
अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों को जोड़ने का अच्छा प्रयास |