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मैं लिखता क्यों हूँ ?

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Aug 20, 2021
  • 1 min read

Updated: Nov 13, 2021

कभी कभी दोस्त लोग बडा अजीब सा सवाल करते हैं कि मैं लिखता क्यों हूँ । कविता, कहानी या फिर लेख लिख कर क्या मिलता है मुंझे ?

इसका सटीक सा जवाब देना तो मुश्किल है फिर भी इतना अवश्य बताना चाहूँगा कि मुझे अपनी रचना के सृजन से एक आनन्द की अनुभूति होती है।


लगता है ,जो मेरे अन्दर लावा धधक रहा है या विद्रोह के स्वर जन्म ले रहे हैं जो मैं दुनिया या समाज के सामने चीख चीख कर कहना चाहता हूँ पर कह नही पाता, वही सब मेरी कविता, कहानी या अन्य रचनाओ के रूप में पन्नो पर आकार पाते हैं और जिन्हें आप सबों को सुना कर मेरा मन हल्का हो जाता है। मुझे अपने अंदर की घुटन और निराशा से निजात मिलता है।

मैक्सिम गोर्की के शब्दों में "हमारे जीवन मे हर जगह और हमेशा तकलीफें होती है लेकिन व्यक्ति इन अंतहीन पीड़ाओं को रचनात्मकता में ढाल सकता है । मुझे इस बदलाव से शानदार और आश्चर्यजनक और कुछ नही लगता" |

साहित्यकार को अपनी रचनाओं से बहुत प्यार होता है अपनी संतानों कीतरह । किसी कृति के रचने की प्रक्रिया प्रसव पीड़ा से कम संवेदनशील नही होता है और रची गई कृति अपनी संतान की तरह प्यारी होती है। आपका सवाल ये भी हो सकता है कि पाठको को इससे क्या हासिल होगा ?

अगर रचना में गहराई है, भाव और भाषा दोनों दुरुस्त हैं तो पाठक गण इससे जुड़ कर , इससे आत्मसात होकर वही अनुभूति, वही दर्द या वही खुशी पा सकते हैं जो रचनाकार को अपनी रचनाओं के सृजन से मिलता है।

किशोरी रमण

2 Comments


Unknown member
Oct 17, 2021

Very nice

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verma.vkv
verma.vkv
Aug 20, 2021

बधाई

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