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Writer's pictureKishori Raman

यादों के नाम


जिन्दगी के सफर में ऐसे कई मुक़ाम आये कुछ ने हाँथ थामा तो कुछ ने मुझे गिराये जो भी रहा अच्छा रहा उन्हें प्रणाम करते है

अपनी ये गजल उन्ही यादों के नाम करते है घर वालो ने स्नेह दिया तो दोस्तो ने दिया प्यार हाँ कभी कभी होती रही आपस की तक़रार जिन्दगी के इस मोड़पर सबको सलाम करते है अपनी ये गजल उन्ही यादों के नाम करते हैं जीवन के सफर में आप सबका सहारा मिला तूफान से डगमगाती कस्ती को किनारा मिला थक गया इस भागदौड़ में अबआराम करते है अपनी ये गजल उन्ही यादों के नाम करते है वो न आये तो भी जिन्दगी को मुकाम मिला धन दौलत रूतबा और एक पहचान मिला अब वे क्यों भला खुद को बदनाम करते है अपनी ये ग़जल उन्ही यादों के नाम करते है। किशोरी रमण If you enjoyed this post, please like , follow, share and comments. Please follow the blog on social media. link are on contact us page. www.merirachnaye.com




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2 comentarios


sah47730
sah47730
28 sept 2021

वाह! शानदार, सत्यगर्भित,वजनदार व जानदार रचना।

:-- मोहन"मधुर"

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verma.vkv
verma.vkv
28 sept 2021

वाह, बहुत ही सुंदर रचना ।

आपकी लेखन प्रशंसनीय है ।

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