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# याद करते रहो बचपन के दोस्तों को #

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Oct 28, 2021
  • 2 min read

जिन्दगी के इस मोड़ पर, बचपन की सुहानी यादें न सिर्फ हमे गुदगुदाती हैं, हँसाती है, बल्कि हम सबों में जीवन ऊर्जा का संचार भी करती है और तब जीवन जीने की ललक बढ़ जाती है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रख कर लिखी गई है ये कविता जिसका शीर्षक है••••


याद करते रहो बचपन के दोस्तों को

दोस्तों, आओ आज हम सब अपने बचपन की बात करते हैं बिताये गये मस्ती के पलों को एक बार फिर से याद करते हैं अपने वे दिन भी क्या दिन थे जब हम यूँ ही खिलखिलाते थे कभी चिढ़ाते थेअपने दोस्तों को कभी उन्हें ऊल्लू भी बनाते थे कभी किसी को यूँ ही छेडते थे किसी के फटे में टाँग घुसेड़ते थे जब कभी बिगड़ने लगती थी बात तब हम अपने हाँथो को जोड़ते थे तब अपने पास कुछ नही था मगर दिल के शहंशाह ही नजर आते थे रात को जम कर पढ़ाई करते थे और परीक्षा में अब्बल ही आते थे याद है हमें फन्नी बाबू का ढाबा हम सबों के लिए वही था काबा बगल में ही था मद्रासी का होटल इडली,डोसा कोल्ड ड्रिंक के बोतल


न किसी को अपना भविष्य मालुम था

फिर भी सबों में बेफिक्री का अलाम था

शाम में होती थी कॉलेज गेट की मस्ती

जुमार नदी तक चलती थी अपने कश्ती वो सब बातें जैसे आज की ही बात है मुझे अपने सभी दोस्तों पे नाज है याद करते रहो बचपन के दोस्तो को अपने को खुश रखने का यही तो राज है किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow, share and comments. Please follow the blog on social media. link are on contact us page. www.merirachnaye.com




3 Comments


kumarinutan4392
kumarinutan4392
Nov 07, 2021

Very very nice.....

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verma.vkv
verma.vkv
Oct 29, 2021

वाह वाह,

यादगार रचना हम दोस्तों के लिए ।

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Unknown member
Oct 29, 2021

Bahut hi Sundar .......

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