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राम नाम सत्य है

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Oct 9, 2021
  • 2 min read


जब हम श्मशान घाट से किसी प्रियजन के क्रिया कर्म के बाद लौटते है तो मन मे मोह -माया के प्रति विरक्ति का भाव जागृत होता है। लगता है इस क्षणभंगुर शरीर के लिये इतना मोह ठीक नही। जब सब कुछ यहीं छोड़कर जाना है तो ये धन दौलत, मान -सम्मान सब बेकार है और इसके लिये इतनी भाग दौड़ , हाय तौबा क्यों ? रात को सोने के पहले हम भगवान का शुक्रिया अदा करते है कि उन्होंने हमारी आँखे खोल दी और जीवन का असली रूप दिखा दिया । ये भी प्रण करते हैं कि आगे से न तो कोई गलत काम करेगें और न ही किसी को दुख पहुचायेंगे। लेकिन अगली सुबह जब ऑंख खुलती है तो सब कुछ पहले की तरह चलने लगता है । इसी श्मशान बैराग्य पर है आज की कविता जिसका शीर्षक है..... राम नाम सत्य है | राम नाम सत्य है जयकारे के साथ लोगो के कंधों पर गुजर रहा है एक मुर्दा लोग घरों से झांक रहे हैं और दुहरा रहे है राम नाम सत्य है दुनिया का यही गत है। पता नही राम नाम सत्य है हम किसको बताते है ? जो मुर्दा है उसको ? या फिर अपने आप को सुनाते है। पर लोग तो शमशान घाट से लौटते ही इसे तमाशा समझ कर भूल जाएंगे और पहले की ही तरह राम नाम की चिता जलायेंगे। सारे बुरे काम करते रहेगें अपनी तिजोरियों को भरते रहेंगे। इस सत्य को भुलाते रहेंगे की आज जो तमाशा हैं कल हमारा हक़ीक़त होगा। कल हम भी औरो के कंधों पर गुजरेंगे और लोग आवाज लगायेंगे राम नाम सत्य है। और लोग अपने घरों से झाकेंगे। किशोरी रमण BE HAPPY.....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE। If you enjoyed this post, please like , follow, share and comments. Please follow the blog on social media. link are on contact us page. www.merirachnaye.com




2 comentários


Membro desconhecido
18 de out. de 2021

Very nice...

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kumarprabhanshu66
kumarprabhanshu66
09 de out. de 2021

बिरक्ति और आसक्ति यही तो जीवन की भुल भुलाया है।

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