आज 19 वीं सदी के महान भारतीय विचारक और समाज सुधारक राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले की जयंती है।उनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को पुणे में हुआ था। इस अवसर पर हम सब उनको सादर नमन करते हैं।
वे न सिर्फ़ आधुनिक भारत के वस्तुकार थे, वांचितो, पिछड़ों के मसीहा थे बल्कि नारी अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले महा मानव भी थे। बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने जिनसे प्रेरणा पाकर हमे लोकतंत्र और विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान दिया, जिन्होंने हमे पढ़ने लिखने, अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने को प्रेरित किया।
राष्ट्र पिता फुले के विचार और बताए रास्ते आज भी हमारे लिए प्रेरणा श्रोत हैं। जरूरत है कि हम उनके विचारों को, उनके साहित्य को घर घर तक पहुंचाएं। आज जब कुछ लोग हमे फिर से गुलाम बनाने की साजिश कर रहे है, हमे संविधान में मिले अधिकारों से वंचित करना चाह रहे है, हमारी एकता को तोड़ना चाह रहे हैं तब उनके विचार हमारे लिए आज भी प्रासंगिक हो जाते है।
आइए, हम ये सपथ ले कि ज्योतिबा फुले के सपनो के भारत का निर्माण करेंगे जहां सब बराबर होंगे, समाज में अंधविश्वास और रूढियां नही हाेगीं। सबको विकास के समान अवसर मिलेंगे और देश खुशहाल होगा, चारो तरफ शांति होगी।
राष्ट्र पिता ज्योतिबा फुले को पुनः नमन।
किशोरी रमण
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Bahut hi sundar.
राष्ट्र पिता ज्योतिबा फुले को शत शत नमन।