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  • Writer's pictureKishori Raman

लघुकथा"इसीलिए मैं खुश हूं"


एक गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। वह अपने आप को दुनियां का सबसे दुखी व्यक्ति समझता था। वह हमेशा क्रोध से भरा हुआ और चिड़चिड़ा रहता। उसे सबसे शिकायत रहती। बढ़ती उम्र के साथ उसके शब्द और भी जहरीले हो चले थे। पूरा गांव उससे दूर रहता था क्योंकि वह दूसरो में भी नकारात्मकता और उदासी फैला देता था। एक दिन एक खबर आग की तरह फैली। उस दिन उस बूढ़े व्यक्ति का पचहत्तरवा जन्मदिन था। खबर ये फैली कि बूढ़ा आदमी खुश है। आज वह कोई शिक़ायत नही कर रहा। आज वो मुस्कुरा रहा है। आज तो उसका रंग रूप, चाल ढाल सब बदला बदला लग रहा है। गांववालो को खबर पर विश्वास नहीं हो रहा था। भला ऐसा कैसे हो सकता है। सारा गांव उसके घर के पास इकट्ठा हो गया। लोगो ने उससे पूछा, क्या रहस्य है ? क्या हुआ है आपको ? बूढ़े ने कहा, कुछ भी तो नहीं। मैने अपने जीवन के पचहत्तर सालो तक अपने को खुश रखने की कोशिश की पर खुश नहीं रह सका। इसलिए जब लाख कोशिश के बाद भी मैं अपने आप को खुश नहीं रख सका तो मैने सोचा कि अब बहुत हो गया। मेरे पचहत्तर साल इसी प्रयास में बर्बाद हो गए। अब मैं खुशी के बिना ही काम चला लूंगा। इसीलिए मैं खुश हूं। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com

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