
आज सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता, लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण जी की पुण्यतिथि है। 8 अक्टूबर 1979 को लम्बी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था।
दैनिक जीवन मे सादगी, ईमानदारी और अनुशासन के पक्षधर, महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी समाजवाद के जनक, समाज सुधारक जयप्रकाश नारायण जी को इस अवसर पर सादर नमन एवं श्रद्धांजलि।
उनका मानना था कि आजादी के बाद भी जो देश मे आर्थिक असमानता है, जात पात है,सामाजिक कुरीतियाँ है इन सबो से छुटकारा पाये बिना केवल सत्ता परिवर्तन से कुछ हासिल नही होगा।
उन्होंने जनता का आह्वान करते हुए कहा था कि केवल नेतृत्व परिवर्तन से देश मे न तो गरीबी-भुखमरी, बेरोजगारी से छुटकारा मिलेगा और न ही यह सम्पन्न एवं बिकसित राष्ट्र बनेगा।
इसके लिए हमे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ तथा लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई साथ साथ लड़नी होगी। इसी उद्देश्य की प्राप्ति हेतू उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति का आहवान किया था।
ये एक देशभक्त की त्रासदी ही है कि वे जीवन के अंतिम क्षणों तक राजनीति में सुचिता एवं पवित्रता की निरंतर तलाश करते रहे पर अंत मे उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
और तो और उनके सत्ता में बैठे शिष्यों ने 23 मार्च 1979 को उनके जिंदा रहते ही लोकसभा में उनके देहांत की सूचना देकर उन्हें श्रद्धांजलि दे दी।
आज भी सम्पूर्ण क्रांति का उनका सपना अधूरा है।
हम उनके विचारों और दर्शन को समझे, उसपर अमल करें यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
किशोरी रमण
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Sat sat naman...
लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि।