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कविता " लड़ना सीखो "

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Jan 31, 2023
  • 1 min read

दुखो से भाग कर यारों कहाँ जाओगे ज़िन्दगी के हर मोड़ पर इन्हें पाओगे जीना है तो पहले इनसे लड़ना सीखो वरना आँसुओं के सैलाब में डूब जाओगे जहाँ ग़म होता है वहीं खुशी होती है दुख और सुख की रस्सा-कसी होती है जीने वाले फिर भी जीते है यहाँ शान से भले होठों पे उधार वाली हँसी होती है यहाँ यूँ ही कोई किसी से प्यार नही करता यूँ ही कोई किसी का इंतजार नही करता समझौते पर टिके होते है हमारे सारे रिश्ते यूँही सच बोलने से कोई इन्कार नही करता हदों में रहने वाले अपनी हदे पार नही करते सह लेते हैं गमो को कभी इज़हार नही करते पर अंधेरों से लड़ने की हिम्मत है जिसमे वो कभी सुबह होने का इंतजार नही करते किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com


2 Comments


verma.vkv
verma.vkv
Mar 16, 2023

वाह, बहुत सुंदर।

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Unknown member
Feb 01, 2023

Very nice.

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