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  • Writer's pictureKishori Raman

"संत रविदास जयंती पर विशेष आलेख"


आज संत रविदास जी की जयंती है | इस शुभ अवसर पर उनको शत शत नमन | संत रविदास का जन्म वाराणसी के पास एक गाँव मे माघ पूर्णिमा को हुआ था। कुछ मत के अनुसार उनका जन्म सन 1398 में तो कुछ विद्वानोँ के अनुसार उनका जन्म सन 1450 में हुआ था। हालाँकि इस बात पे सब सहमत है कि उनका जन्म माघ पूर्णिमा को हुआ था अतः पूरा देश माघ पूर्णिमा को ही उनकी जयंती मनाता है। भक्ति में भाव और सदाचार को महत्व देनेवाले रहस्यवादी कवि संत रविदास एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने रविदासिया धर्म की स्थापना की। उन्होंने अपने दोहों के माध्यम से जाति आधारित समाजिक भेदभाव एवं अंधविश्वासों पर आधारित कर्मकांडो एवं ढकोसलों पर भी प्रहार किया। उन्होंने सभी के लिए समता पर आधारित एवं भेदभाव रहित समाज एवं भक्तिमार्ग की परिकल्पना की। उनके भजन पवित्र गुरुग्रंथ साहिब मे भी संकलित किये गये हैं। उन्होंने अध्यात्म को मानवीय समानता व कल्याण का विषय प्रतिपादित किया। कर्म को ही पूजा बताया। संत कबीर के समकालीन रविदास जी अपना पारंपरिक जूता बनाने का कार्य करते थे और उसी कार्य मे परमात्मा के भी दर्शन करते थे। हालांकि उस समय के रूढ़ीवादी समाज ने उनके सामने बहुत सारी मुश्किलें खड़ी की पर उन्होंने कभी हार नही मानी । उनका स्पष्ट मानना था कि कोई व्यक्ति चाहे कितना ही पूजनीय पद पर बैठा हो, अगर उसमे योग्य गुण नही है तो उसकी पूजा न करें लेकिन अगर कोई व्यक्ति ऊँचे पद पर नही है लेकिन गुणवान है तो उसकी पूजा करें। प्रस्तुत है उनके कुछ शिक्षाप्रद दोहे जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय मे था। 1. मन चंगा तो कठौती में गंगा 2. रविदास जन्म के कारने होत न कोउ नीच नर कूँ नीच करि डारी हैं ओछे करम की कीच 3. हरि सा हीरा छाड़ कै, करै आन की आस ते नर जमपुर जाहीगें, सत भाखै रविदास 4. जन्म जात मत पूछिए, का काज और पात रैदास पूत सब प्रभु के, कोई नही जात कुजात 5.कृस्न, करीम, राम,हरि,राधो जब लग एक एक नही पेख्या वेद, कतेब, कुरान, पुराननी सहज एक नही देख्या आइए, उनके उपदेशों को अपने जीवन मे उतारें और उनके बताये रास्तो पर चलें। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




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