top of page
Writer's pictureKishori Raman

# सच की तलाश #


ज़िन्दगी के इस मोड़ पे जब नज़रें घुमाता है जहाँ से वो चला था, खुद को वहीं पाता है फिर ताउम्र रहा वो इतना परेशान क्यो ? जिन्दगी के पहेली को समझ नही पाता है यहाँ तो छल-कपट का बस खेल होता है स्वार्थ के लिये ही आपस मे मेल होता है लोग यहाँ रिश्ते निभाते नहीं सिर्फ ढोते हैं अब ज़िन्दगी जन्नत नही बस जेल होता है अब भला तुमको क्या क्या बताये वो? अपना दुखड़ा किससे, कैसे सुनाये वो? शको-शुबहा में खत्म हो गई ये जिंदगी अपना सीना चीर के कैसे दिखाये वो ? अब बैठे बैठे ही वह कहीं भी सो जाता है किसी के सपनो में अब भी खो जाता है याद आती है जब उसे किसी की बेवफाई तब हँस कर किसी और का हो जाता है किसी के कहने पर अब भी बिश्वास करता है और खुद के भरोसे का ही उपहास करता है उसे अब भी है जुगनुओं से रौशनी की उम्मीद वह झूठ के बाज़ार में सच की तलाश करता है किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




68 views3 comments

3 Comments


kumarinutan4392
kumarinutan4392
Nov 07, 2021

Very nice....

Like

verma.vkv
verma.vkv
Nov 06, 2021

बहुत सुन्दर रचना |

Like

Unknown member
Nov 06, 2021

Beautiful...

Like
Post: Blog2_Post
bottom of page