top of page

"सफल होने के उपाय"

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Jan 14, 2022
  • 3 min read

गर्मियों की छुट्टी हो चुकी थी। एक बालक अपने माता पिता के साथ अपने गाँव पहुँचा। दादा जी से मिलकर वह बहुत खुश हुआ। जब दादा जी ने उससे पूछा कि पढ़ लिख कर तुम क्या बनना चाहते हो तो उसने कहा कि वह बड़ा और सफल आदमी बनना चाहता है। फिर उसने दादा जी से सवाल किया, क्या आप मुझे सफल आदमी बनने के कुछ उपाय बता सकते है ? दादा जी मुस्कुराये और बोले - क्यो नही ? फिर वे बिना कुछ बताये अपने पोते को नजदीक के पौधशाला में ले गये। वहाँ से उन्होंने दो छोटे छोटे पौधे खरीदे और घर वापस आ गये। फिर उन्होंने एक पौधे को घर के बाहर लगाया और दूसरे पौधे को गमले में लगा कर घर के अंदर रख दिया। फिर उन्होंने अपने पोते से पूछा- क्या लगता है तुम्हे ? इन दोनों पौधों में कौन ज्यादा सफल होगा ? कुछ देर सोचने के बाद पोता बोला, घर के अंदर वाला पौधा ज्यादा सफल होगा क्योंकि वह हर एक खतरे से सुरक्षित है जबकि बाहर वाले पौधे को तेज धूप, बारिश, आँधी और फिर जानवरों से भी खतरा है। दादा जी बोले, चलो देखते है कि आगे क्या होता है ? इतना कह वे अन्य कार्य मे ब्यस्त हो गये। अब दादा जी दोनों पौधों का बराबर ख्याल रखने लगे। इस तरह कुछ साल बीत गए। वह बच्चा एक बार फिर अपने पिताजी के साथ अपने गाँव आया। उसने दादाजी को देखते ही कहा- दादा जी, पिछली बार जब मैं आया था तो आप से सफल होने के उपाय बताने को कहा था। पर आपने तो कुछ भी नहीं बताया था, पर इस बार तो आपको बताना ही होगा। दादाजी मुस्कुराए, और अपने पोते को उस जगह ले गए जहाँ उन्होंने गमले में पौधा लगाया था। अब वह पौधा खूबसूरत पेड़ बन चुका था। उस पेड़ को देखते ही पोता बोला, देखा दादा जी। मैंने कहा था ना कि यह वाला पौधा ज्यादा सफल होगा। यह सुनकर दादाजी बोले - चलो अब बाहर वाले पौधे का भी हाल चाल देख लेते हैं। यह कहते हुए वे उसे बाहर वाले पौधे के पास ले गए। बाहर वाला पौधा एक विशाल बृक्ष बन गर्व के साथ खड़ा था। उसकी शाखाएँ दूर तक फैली हुई थी,और उसकी छांव में बैठे लोग आराम कर रहे थे। दादाजी ने पूछा ,अब बताओ कौन सा पौधा सफल रहा ? पोता तपाक से बोला- बाहर वाला पौधा दादाजी। फिर उसने सवाल किया, दादा जी, यह कैसे संभव है ? बाहर तो उसको ना जाने कितने खतरों का सामना करना पड़ा होगा। दादाजी मुस्कुराए और बोले, हाँ, बाहर वाले पौधे को बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। लेकिन समस्या का सामना करने के अपने फायदे भी तो हैं। बाहर वाले पौधे के पास आजादी थी कि वह अपनी जड़े जितनी चाहे फैला ले, अपनी शाखाओं से आसमान को छू ले,और जिस आँधी तूफान को तुम इस पेड़ के लिए मुसीबत समझते थे उसी आँधी-तूफान ने इस पेड़ की जड़ों को इतना मजबूत बना दिया है कि आज वही आँधी- पानी इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। कुछ देर खामोश रहने के बाद दादा जी बोले, बेटे अब जो मैं बताने वाला हूँ उस बात को अगर तुमने अपने अंदर बैठा लिया तो तुम जिंदगी में जो भी करोगे उस में सफल होंगे। अगर तुम जीवन भर सुरक्षित विकल्पों को चुनते रहे तो तुम कभी भी उतने सफल नहीं हो पाओगे जितनी तुम्हारी क्षमता है। लेकिन अगर तुम तमाम खतरों के बावजूद भी इस दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हो तो तुम्हारे लिए कोई भी लक्ष्य हासिल करना असंभव नहीं है। लड़के ने ध्यान से अपने दादाजी की बातें सुनी। फिर उसने गहरी सांस ली और वृक्ष की तरफ देखने लगा। आज उसे उस बृक्ष के माध्यम से सफलता का एक बहुत बड़ा मंत्र मिल चुका था। जीवन में हम जिन रुकावटों को अपना सबसे बड़ा शत्रु समझते हैं वही हमें मजबूत और जीवन में ज्यादा सफल बनाते है। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




3 Comments


Unknown member
Feb 08, 2022

very nice.....

Like

sah47730
sah47730
Jan 15, 2022

बहुत सुन्दर व सीखभरी

Like

verma.vkv
verma.vkv
Jan 15, 2022

बहुत सुंदर और प्रेरणादायक कहानी।

Like
Post: Blog2_Post

Subscribe Form

Thanks for submitting!

Contact:

+91 7903482571

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn

©2021 by मेरी रचनाये. Proudly created with Wix.com

bottom of page