अक्सर ही हममें से अधिकांश लोग यह सोंच सोंच कर दुखी रहते है कि उनके पास कुछ नहीं है। वे गरीब हैं। उनका जीवन धन और भौतिक सुख सुविधाओं के अभाव में ब्यर्थ है। वे जीवन की सफलता को उपलब्ध धन और सुख सुविधाओं से तौलते हैं और अपने को गरीब मान कर हीनता और दुख के शिकार होते हैं। इस सम्बंध में भगवान बुद्ध से सम्बंधित एक कहानी प्रस्तुत है जिसमे वे बताते है कि असली धन क्या है ?
एक दिन गौतम बुद्ध अकेले ही भ्रमण कर रहे थे । एक व्यक्ति बहुत ही दुखी और परेशान दिख रहा था। उसको देखकर बुद्ध उसके पास रुक गए। फिर उन्होंने उस व्यक्ति से पूछा, क्यों भाई क्या बात है ? तुम इतना परेशान क्यों हो ? वह ब्यक्ति बोला , मैं बहुत ही गरीब हूं और मेरे पास कुछ भी नहीं है।अपनी गरीबी के बारे में सोंच सोंच के मैं बहुत परेशान रहता हूँ।
अच्छा तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है ? बुद्ध ने आश्चर्य से पूछा। फिर उन्होंने कहा तुम सच नहीं बोल रहे हो। इस पर वह व्यक्ति बोला-नहीं, मैं आपसे ठीक बोल रहा हूं। मैं सच में बहुत ही गरीब हूं। मेरे पास कुछ भी नहीं है। इस पर बुद्ध ने कहा, अच्छा तो तुम एक काम करो। तुम्हारे पास दो कान है, एक कान काट कर मुझे दे दो। मैं इसके बदले में तुम्हें एक हजार सोने के सिक्के दूंगा।
नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकता। मैं आपको अपना एक कान नहीं दे सकता, वह गरीब आदमी बुद्ध से बोला। इस पर गौतम बुद्ध ने कहा - तो अपनी दो आंखों में से एक ऑंख ही मुझे दे दो । मैं इसके बदले में तुम्हें पाँच हजार सोने के सिक्के दूंगा। इस पर वह गरीब व्यक्ति फिर बोला- नहीं ,नहीं, मैं ऐसा भी नहीं कर सकता। मैं आपको अपनी आँख नही दे सकता। इस पर बुद्ध बोले ,अच्छा कोई बात नही, तुम मुझे अपना एक हाथ ही दे दो । मैं इसके बदले में तुम्हे दस हजार सोने के सिक्के दूँगा। उस गरीब आदमी ने कहा नहीं, ये भी नहीं हो सकता। मैं आपको अपना एक हाथ भी नही दे सकता। तब बुद्ध ने उस ब्यक्ति से कहा कि तुम कैसे कहते हो कि तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है। तुम्हारे पास दो कान यानी दो हजार से ज्यादा के कान है। दो आँखे यानी यानी दस हजार से ज्यादा के आंख है । तुम्हारे पास बीस हजार के हाँथ है। जब कान,आंख और हाथ का इतना मूल्य है तो पूरे शरीर का न जाने कितना मूल्य होगा ? वह ब्यक्ति बुद्ध की बात सुनकर चुप हो गया।
बुद्ध ने कहा, देखो तुम्हारे पास कितनी बड़ी दौलत है। जिसके पास अच्छी-अच्छी बातें सुनने के लिए कान हो, अच्छी-अच्छी चीजें देखने के लिए आँखे हो और अच्छे अच्छे काम करने के लिए हाँथ हो भला उस से बढ़कर धनी और कौन हो सकता है ? धन तो कोई भी इंसान इन सारी चीजों का सही उपयोग करके कमा सकता है। यह सारी चीजें होना ही दुनिया का सबसे बड़ा धन है।
किशोरी रमण
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Kishori Raman
So nice .....
Bahut hi Sundar.....