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" सवाल पूछता है ? "

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Aug 20, 2022
  • 1 min read


वो खुले आकाश के नीचे, फुटपाथ पर सोता है

कभी देश के हालात तो कभी खुद पे रोता है

आज भय भूख और भ्रष्टाचार से बेहाल आदमी

उसके हिस्से का विकास कहाँ है,सवाल पूछता है


पुरखों ने आजादी की लड़ाई में बलिदान दिया है

प्रदर्शनों में कितनो ने लाठियाँ खाई,जान दिया है

आजादी के अमृत कोहड़प लिया चंद अमीरों ने

गरीबोंने अपने पसीनेसे राष्ट्र का निर्माण किया है


आज गरीब कैसे माने कि मुल्क अब आजाद है

देश मे सबके लिए एक ही क़ानून का राज है

जहाँ न्याय पैसों और पैरवी से खरीदी जाती हो

वह कैसे कहे कि उसेअपने लोकतंत्र पर नाज है


आज इन गरीबो के लिए रोटी और घर नही है

अस्पताल में कहीं दवा तो कहीं बिस्तर नही है

ऊँच-नीच और भेद-भाव का सर्वत्र बोलबाला है

अंधेरों में रहने वालों के लिए कहाँ उजाला है ?


देश भक्ति तो गरीबों के रग-रग में बसी है

हाँ, देशभक्ति के नारों पर इनकी पकड़ नही है

ये सब चाहते है कि फहरायें अपना तिरंगा

पर कहाँ ? इनके पास तो कोई घर नही है



किशोरी रमण

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4 commentaires


sah47730
sah47730
21 août 2022

गरीबों,बे-सहारों की वास्तविक ब्यथा को बे-पर्द करने वाली रचना।

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Kishori Raman
Kishori Raman
21 août 2022
En réponse à

धन्यवाद भाई।

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Membre inconnu
21 août 2022

Very very nice👍

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verma.vkv
verma.vkv
20 août 2022

वाह, बहुत सुंदर कविता ।

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