प्यार तो एक एहसास है...एक खुशबू है जो खुद व खुद चारो ओर फैल जाती है। आदमी लाख कोशिश करे अपने प्यार को छुपाने का पर वो तो छुपाये नही छुपता और सारी दुनिया को खबर हो जाती है। आज इसी पर आधारित प्रस्तुत है एक कविता जिसका शीर्षक है...
सारे जहाँ में शोर हो गया तेरी चंचल सी चितवन जादू भारी ये चिलमन कहती है एक कहानी खमोश लबोंकी थिरकन सुनी जो प्यार की शहनाई, मन आज बिभोर हो गया शर्मा के तूने जो देखा तो सारे जहाँ में शोर हो गया न वह चांदनी रात थी और न तुम पास थी तुमसे मिलनेकी मुझको फिर क्यों आश थी ? बिना चांद देखे मेरा मन, नजाने कैसे चकोर हो गया
शर्मा के तूने जो देखा तो सारे जहाँ में शोर हो गया
सपना कोई सुहाना था
पलको में तुझे बसाना था
तेरे गेसुओं के साये में
गीत कोई गुनगुनाना था।
रात कर गई छेड़खानीआँख झपकी नहीकि भोर हो गया
शर्मा के तूने जो देखा तो सारे जहाँ में शोर हो गया
किशोरी रमण
very nice......
शर्मो हया से भरी ये प्यार की कहानी दिल से लिखी लगती है।
कलम तो एक बहाना है-
शब्दों को तो दिल से सजाना है!
:-- मोहन"मधुर"
वाह, बहुत सुंदर रचना है ।