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  • Writer's pictureKishori Raman

" सुबह होने वाला है "

Updated: Jul 9, 2022



जिस चमन में खिलते थे प्यार औरअदब के फूल उसी चमन को आज हमने श्मशान बना डाला है पोत दी है हमने अपने तहजीब के मुहँपे कालिख झूठऔर नफरत कोअपना हथियार बना डालाहै

अब नजर नही आती उम्मीद की कोई किरण स्याह खत्म होना था पर कैद हो गया उजाला है यहाँ बिखरें है नफरत और तबाही के मंज़र कोई कैसे ये बताये की मुहँ पे लगा ताला है हमें घरों से निकल अब सड़कों पर आना होगा खामोशी छोड़ इस सच्चाई को बताना होगा कि हमारा धर्म है इंसानियत इसे स्वीकार करें खत्म होगी काली रात सुबह का इंतज़ार करें किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com











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2 commentaires


verma.vkv
verma.vkv
09 juil. 2022

वाह, बहुत सुंदर कविता।

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Membre inconnu
09 juil. 2022

Bahut hi sundar poem hai...

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