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ज़िन्दगी किसी के काम तो आया

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Sep 9, 2021
  • 1 min read

हमारी ज़िन्दगी की सार्थकता इसी में है कि यह किसी के काम आये। अक्सर अच्छा करने वालों पर ही इल्जाम लगाये जाते हैं। पर हमें बिना किसी लाभ की प्रत्याशा में लोगो की मदद करते रहना है। हाँ, ये दुनिया भले ही हमे न समझे पर हमारी अंतरात्मा ज़रूर हमे शाबाशी देगी और तब हमें भी महसूस होगा कि अपनी ज़िन्दगी सफल हो गयी। तो प्रस्तुत है आज की कविता जिसका शीर्षक है...…....

ज़िन्दगी किसी के काम तो आया जो चीरागों को तुफानो से बचाया करते हैं उनके हांथ ही अक्सर जल जाया करते हैं दुनिया है बेगैरत क्यो करे शिकायत इसकी ये तो खुदा पर भी इल्ज़ाम लगाया करते है टूटने वालो को ही और तोड़ती है ये दुनिया सीधे साधे लोगो को झकझोरती है दुनिया जो अपना सब कुछ लुटाते है गैरो के लिए उनको तो बस पागल समझती है ये दुनियाँ हम इन्सान हैं, दिल के टूटने का दर्द होता है वे तो पत्थर है उनका कालेज सर्द होता है जो लुटाते हैं मज़लूमों केलिए अपनी जवानी

वही तो इस दुनिया का असली मर्द होता है हमने जलाये थे चिराग उसने रोशनी तो फैलाया उड़ने का हौसला था तो उड़कर भी दिखलाया वे क्या समझेंगे अपने किस्मत को कोसने वाले हमे फक्र है ये जिंदगी किसी के काम तो आया किशोरी रमण




3 commentaires


Membre inconnu
18 oct. 2021

Very nice story....

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verma.vkv
verma.vkv
09 sept. 2021

वाह, बहुत सुन्दर रचना |

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kumarprabhanshu66
kumarprabhanshu66
09 sept. 2021

बहुत सुंदर

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