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" ज़िन्दगी में लचीला बनें "

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Feb 11, 2022
  • 2 min read

Updated: Feb 12, 2022


एक बार गौतम बुद्ध अपने एक शिष्य के साथ जंगल के रास्ते में जा रहे थे। ढलान पर से उतरते समय अचानक शिष्य का पैर फिसला और वह तेजी से नीचे लुढ़कने लगा। वह खाई में गिरने ही वाला था कि तभी उसके हाथ में बाँस का एक पौधा आ गया। उसने बाँस के पौधे को मजबूती से पकड़ लिया और वह खाई में गिरने से बच गया। बाँस धनुष की तरह मुड़ गया लेकिन न तो वह जमीन से उखड़ा और न ही टूटा। वह बाँस को मजबूती से पकड़ कर लटका रहा। थोड़ी देर बाद बुद्ध वहाँ पहुँचे। उन्होंने हाथ का सहारा देकर शिष्य को ऊपर खींच लिया। फिर दोनों अपने रास्ते पर आगे बढ़ चले। रास्ते में बुद्ध ने शिष्य से कहा, जान बचाने वाले बाँस के पौधे ने तुमसे कुछ कहा है। तुमने इस पर ध्यान दिया क्या ? शिष्य ने कहा, नही गुरु जी। शायद मेरे प्राण संकट में थे,इसीलिए मैंने ध्यान नहीं दिया। और मुझे वैसे भी पेड़ पौधों की भाषा नहीं आती। अब आप ही बता दीजिए कि उसका संदेश क्या था ? बुद्ध मुस्कुराए और बोले- खाई में गिरते समय तुमने जिस बाँस को पकड़ लिया था वह पूरी तरह मुड़ गया था फिर भी उसने तुम्हें सहारा दिया और तुम्हारी जान बचा ली। तुम्हारे लिए बाँस ने जो संदेश दिया वह मैं तुम्हें दिखाता हूँ। बुद्ध ने रास्ते में खड़े बाँस के एक पौधे को खींचा और फिर उसको छोड़ दिया। बाँस लचक कर अपनी जगह पर वापस लौट गया। बुद्ध ने कहा, पुत्र,पेड़ पौधों की भाषा मुझे भी नहीं आती। बेजुबान प्राणी हमें अपने आचरण से बहुत कुछ सिखाते हैं। बुद्ध ने शिष्य से कहा, हमे बाँस के इसी लचीलेपन की खूबी को अपनाना चाहिए। तेज हवाएं बाँस के झुरमुट को झकझोर कर उखाड़ने की कोशिश करती है लेकिन वह आगे पीछे डोलता मजबूती से धरती में जमा रहता है। बाँस ने तुम्हारे लिए यही संदेश भेजा है कि जीवन में जब भी मुश्किल दौर आये तो थोड़ा झुक कर, विनम्र बन जाना लेकिन टूटना नहीं क्योंकि बुरा दौर निकलते ही पुनः अपनी स्थिति में दोबारा पहुँच सकते हो। शिष्य बड़े गौर से बुद्ध की बातें सुन रहा था। बुद्ध ने आगे कहा- बाँस न केवल हर तनाव को झेल जाता है बल्कि उस तनाव को अपनी शक्ति बना लेता है और दुगनी गति से ऊपर उठता है। बॉस ने यही संदेश दिया कि हमें अपने जीवन में इसी तरह लचीले बने रहना है और मुसीबतों के समय में टूटना नहीं है क्योंकि जैसे ही मुसीबतें जाएंगी हम अपनी स्थिति को फिर से वापस प्राप्त कर सकते हैं। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




4 Comments


Unknown member
Feb 15, 2022

very nice.....

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Manoj Kumar
Manoj Kumar
Feb 12, 2022

प्रेरणा दायक संदर्भ

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sah47730
sah47730
Feb 12, 2022

बहुत सटिक उदाहरण के द्वारा दी गयी शिक्षा युक्त बुद्ध की कथा।

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verma.vkv
verma.vkv
Feb 12, 2022

बहुत सुंदर और शिक्षाप्रद कहानी।

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